'अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर उन्नत करते रहें अधिकारी'

एयरफोर्स टेक्निकल कॉलेज में पासिंग आउट परेड हुई

62 हफ्तों का कठोर प्रशिक्षण पूरा हुआ

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। 105वें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की पासिंग आउट परेड शनिवार को एयरफोर्स टेक्निकल कॉलेज में हुई। इस अवसर पर मित्र देशों के 13 अधिकारियों सहित कुल 71 इंजीनियरिंग अधिकारियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ स्नातक की उपाधि ली। उनका 62 हफ्तों का कठोर प्रशिक्षण पूरा हो गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मेंटेनेंस कमांड एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग थे, जिन्होंने बतौर समीक्षा अधिकारी परेड का निरीक्षण किया। उनका स्वागत कॉलेज के कमांडेंट एयर कमोडोर आशुतोष श्रीवास्तव ने किया। परेड में डोर्नियर्स और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने शानदार फ्लाईपास्ट किया। परेड के दौरान 'एयर वॉरियर ड्रिल टीम' और वायुसेना के बैंड ने भी कौशल का प्रदर्शन किया।

समीक्षा अधिकारी ने पाठ्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को ट्रॉफी और पदक दिए। ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान के लिए प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' फ्लाइंग ऑफिसर सनपाला मधु को दिया गया। प्रोफेशनल विषयों और जनरल ​सर्विस ट्रेनिंग में सर्वश्रेष्ठ अधिकारी के लिए 'राष्ट्रपति पट्टिका' सम्मान निसर्ग शरद सुर्वे को दिया गया। इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल स्ट्रीम में ऑर्डर-ऑफ-मेरिट में प्रथम स्थान के लिए 'चीफ ऑफ एयर स्टाफ मेडल' क्रमशः फ्लाइंग ऑफिसर कुणाल फाघल और फ्लाइंग ऑफिसर भानूप्रिया शर्मा को दिए गए।

एयर मार्शल ने स्नातक अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने अधिकारियों को इनोवेटिव बनकर ऑपरेशनल तत्परता पर ध्यान केन्द्रित करने, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति के साथ कदम मिलाकर आगे बढ़ने तथा रखरखाव संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर उन्नत करने के लिए प्रेरित किया। 

उन्होंने अधिकारियों से शारीरिक और मानसिक फिटनेस के उच्चतम मानकों को विकसित करने के लिए कहा, ताकि उन्हें सौंपे गए हर कार्य में उत्कृष्टता हासिल की जा सके। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग अधिकारियों के रूप में, आप पर जवानों का नेतृत्व करने और टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की दोहरी जिम्मेदारी होगी। यह जज्बा भारतीय वायुसेना की युद्ध प्रभावशीलता में प्रत्यक्ष रूप से योगदान देगा।

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