चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन की आलोचना करने के लिए अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी पर कड़ी आपत्ति जताई और पूर्व मुख्यमंत्री को 'गुटबाजी से ग्रस्त' अपनी पार्टी को बचाने की सलाह दी, जो बिखर रही है।
विपक्षी अन्नाद्रमुक में नवीनतम 'दरार' का जिक्र करते हुए, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता के ए सेंगोट्टैयन ने 5 सितंबर को पलानीस्वामी से पार्टी छोड़ने वाले सभी लोगों को शामिल करने को कहा था, उदयनिधि ने कहा कि यह एक नया समूह है जो अन्नाद्रमुक में उभरा है।
उदयनिधि ने शुक्रवार शाम पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'जब अन्नाद्रमुक के दो गुटों के सदस्य मिलते हैं, तो वे केवल यह पूछते हैं कि कौन किस गुट से है - ईपीएस (एडप्पादी के पलानीस्वामी), ओपीएस (ओ पन्नीरसेल्वम), टीटीवी (टीटीवी दिनाकरन), शशिकला (बर्खास्त अंतरिम महासचिव), सेल्लूर राजू या नवगठित सेनगोट्टैयन समूह।'
उन्होंने कहा, 'हालांकि अन्नाद्रमुक कई गुटों में बिखर रही थी, पलानीस्वामी ने यह दावा किया कि द्रमुक अपने सहयोगियों को निगल जाएगी। लेकिन उन्हें (पलानीस्वामी को) द्रमुक की आलोचना करने के बजाय पहले अपनी पार्टी के संकट को सुलझाना चाहिए। अन्नाद्रमुक और भाजपा दोनों एक ही विचारधारा के हैं, खासकर एक-दूसरे को निगलने के मामले में।
उदयनिधि ने कहा, 'पलानीस्वामी को हमारे उस गठबंधन के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है जो सिद्धांतों पर आधारित है और विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है।'
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन तमिलनाडु में सत्ता में आया तो वह त्रिभाषा फार्मूले के माध्यम से हिंदी लागू करने, निर्वाचन क्षेत्रों को पुनर्परिभाषित करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने और राज्य के वित्तीय अधिकारों को त्यागने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
उन्होंने कहा, 'इसलिए, भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन को हराने की लड़ाई में, मैं आप सभी से साल 2026 के विधानसभा चुनावों में अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ियों के रूप में आगे आने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि हम अपने अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा निर्धारित 200 सीटें जीतने के लक्ष्य को प्राप्त करें।'