चेन्नई/दक्षिण भारत। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि श्रीलंका में लंबे समय तक चले गृहयुद्ध के कारण हजारों श्रीलंकाई तमिलों ने अस्तित्व और आजीविका की तलाश में तमिलनाडु में 'शरणार्थी' के रूप में शरण ली थी। इस प्रकार, जिन लोगों ने तमिलनाडु में शरण ली, उन्हें श्रीलंका के शरणार्थी शिविरों में ठहराया गया।
डॉ. मुरुगन ने कहा कि हमारे देश में लंबे समय से रह रहे श्रीलंकाई तमिल भाई मांग कर रहे हैं कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाए।
उन्होंने कहा कि पहले कदम के रूप में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन श्रीलंकाई तमिलों को कानूनी तौर पर भारत में रहने की अनुमति दे दी है, जो 9 जनवरी, 2015 से पहले बिना उचित दस्तावेजों के भारत में प्रवेश कर गए थे और सरकार के पास शरणार्थी के रूप में पंजीकृत थे।
डॉ. मुरुगन ने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम से हमारे श्रीलंकाई तमिल भाइयों को अब कानूनी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं तमिलनाडु की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।