बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने सोमवार को कहा कि भाजपा ने धर्मस्थल की राजनीतिक तीर्थयात्रा की है। उन्हें लगता है कि इससे राजनीतिक लाभ मिलेगा, लेकिन मिलेगा नहीं, क्योंकि हम धर्मस्थल का बहुत सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने एसआईटी के गठन के समय विरोध नहीं किया था, वे अब इसका विरोध कर रहे हैं, यह जानते हुए कि बाद में उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। यह पाखंड है।
सिद्दरामय्या ने कहा कि भाजपा कहती है कि हिंदुत्व मज़बूत होगा और सारे हिंदू एकजुट होंगे। मैं भी हिंदू हूं। क्या हमने अपने गांव में राम मंदिर नहीं बनवाया? इसका मतलब राजनीतिक प्रचार नहीं है, झूठ बोलना नहीं है। चाहे कोई भी हो, मानवता होनी चाहिए।
सिद्दरामय्या ने कहा कि भाजपा दशहरे पर भी राजनीति कर रही है। क्या झूठ बोलने के अलावा उनके पास और कुछ है? बानू मुश्ताक ने बुकर पुरस्कार जीता है, कितने लोगों ने यह पुरस्कार जीता है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरे के उद्घाटन समारोह में उन्हें (बानू) सम्मानित करने की अनुमति दी गई है। दशहरे पर राजनीति का कोई असर नहीं पड़ेगा। क्या दशहरा उत्सव राष्ट्रीय उत्सव नहीं है?
सिद्दरामय्या ने कहा कि राष्ट्रीय उत्सव का मतलब है- ऐसा उत्सव जो सब मिलकर मनाते हैं। हिंदू, मुसलमान, ईसाई और बौद्ध सभी धर्मों के लोग इसे मनाते हैं। बात चामुंडी पहाड़ियों की नहीं, बल्कि दशहरा उत्सव की है।