कालेश्वरम परियोजना: रेवंत रेड्डी ने लंबी बहस के बाद सीबीआई जांच की घोषणा की

कहा- 'सदन अध्यक्ष की अनुमति से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय ले रहा है'

Photo: revanthofficial FB Page

हैदराबाद/दक्षिण भारत। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार तड़के पूर्ववर्ती बीआरएस शासन के दौरान निर्मित कालेश्वरम परियोजना में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की घोषणा की।

कलेश्वरम परियोजना पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर विधानसभा में देर रात लगभग 2 बजे समाप्त हुई संक्षिप्त चर्चा के अंत में बोलते हुए रेड्डी ने कहा कि इस परियोजना की जांच सीबीआई को सौंपना उचित है, क्योंकि यह अंतरराज्यीय मामला है। इसमें विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार के विभाग और एजेंसियां ​​शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सरकारी संगठन और वित्तीय संस्थान भी परियोजना के डिजाइन, निर्माण और वित्तपोषण में शामिल हैं।

उन्होंने कहा, 'इसलिए, सदन अध्यक्ष की अनुमति से इस मामले की जाँच सीबीआई को सौंपने का निर्णय ले रहा है। चूंकि इसमें कई मुद्दे शामिल हैं और जांच योग्य मामले भी हैं, इसलिए हमारी सरकार सीबीआई जाँच के आदेश जारी कर रही है।'

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) और न्यायिक आयोग की रिपोर्टों ने परियोजना से संबंधित विभिन्न मुद्दों की गहन और अधिक व्यापक जांच की आवश्यकता पर बल दिया है।

उन्होंने कहा कि न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कई खामियों और अनियमितताओं की पहचान की है, जिनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीएसए की रिपोर्ट के अनुसार, योजना, डिजाइन और गुणवत्ता नियंत्रण में खामियां कालेश्वरम परियोजना के मेदिगड्डा बैराज की विफलता का कारण पाई गई हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक कालेश्वरम परियोजना के लिए लिए गए ऋण पर मूलधन और ब्याज के रूप में 49,835 करोड़ रुपए का भुगतान किया है, जिसमें कुल ब्याज 29,956 करोड़ रुपए है और मूलधन 19,879 करोड़ रुपए चुकाया गया है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने केन्द्र सरकार से बातचीत की और 26,000 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण पुनर्गठन करवाया।

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