जम्मू/दक्षिण भारत। जम्मू क्षेत्र में विभिन्न बाढ़ग्रस्त नदियों के किनारों और जलमग्न निचले इलाकों से 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। बचाव एजेंसियां और प्रशासन बाढ़ प्रभावित जम्मू और सांबा जिलों में फंसे लोगों तक पहुंचने का काम जारी रखे हुए हैं।
भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से जलमग्न हुए जम्मू संभाग के अधिकांश हिस्सों में बारिश जारी है, हालांकि इसकी तीव्रता कम है। बुरी तरह प्रभावित हुई जलापूर्ति, बिजली और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
जम्मू में पिछले 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो साल 1910 में वेधशाला की स्थापना के बाद से 24 घंटे की अवधि में जम्मू में दर्ज की गई सबसे ज्यादा वर्षा है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने एक्स अकाउंट पर कहा, '5,000 से ज़्यादा लोगों को निचले बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, संभागीय आयुक्त कार्यालय के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राहत सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति हो और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है।'
सिन्हा ने कहा कि उन्होंने जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और बाढ़ की स्थिति तथा बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर बिजली, संचार और जलापूर्ति बहाल करना सुनिश्चित करें जहां बाढ़ का पानी कम हो रहा है।
जम्मू के उपायुक्त राकेश मिन्हास ने बताया कि मंगलवार को अकेले जम्मू जिले में 3,500 से अधिक लोगों को बचाया गया।
उन्होंने कहा, 'ज़िला प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ लगातार राहत अभियान चला रहे हैं। सड़कों, आवश्यक आपूर्ति और अन्य सेवाओं की बहाली प्राथमिकता और युद्धस्तर पर सुनिश्चित की जा रही है।'
पिछले 38 घंटों से जारी भारी बारिश के कारण जम्मू और सांबा के लगभग 20 से 30 निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पीरखो, गुज्जर नगर, आरएस पुरा, निक्की तवी, बेली चरण, गोरखानगर, कासिम नगर, राजीव नगर, शेर-ए-कश्मीर विश्वविद्यालय, अखनूर और परगवाल से बड़ी संख्या में लोगों को निकाला गया। इसके अलावा, जम्मू जिले में उफनती तवी नदी के अधिकांश तटवर्ती इलाकों को भी खाली करा दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि संभागीय आयुक्त कुमार लगातार उनके संपर्क में हैं और वर्तमान में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक बुला रहे हैं।