बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार द्वारा विधानसभा में आरएसएस के प्रार्थना गीत की कुछ पंक्तियां पढ़ने के लिए माफी मांगे जाने पर विपक्षी भाजपा और जद (एस) ने इसे एक 'कायरतापूर्ण कृत्य' करार दिया, जिसका उद्देश्य सत्ता में बने रहना और गांधी परिवार के प्रति अपनी वफादारी साबित करना है।
भाजपा ने कहा कि शिवकुमार को देशभक्ति सिखाने वाले प्रार्थना गीत के लिए माफी मांगने के बजाय, विधान सौधा परिसर में 'पा...न जिंदाबाद' के नारे लगने पर माफी मांगनी चाहिए थी।
राज्य भाजपा महासचिव और विधायक सुनील कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'डीके शिवकुमार ने किसी दबाव में आकर आरएसएस की प्रार्थना गीत के लिए माफी मांगी है। यह दु:खद है।'
उन्होंने कहा, 'गांधी परिवार के प्रति वफादार बनने के बजाय, आपको (शिवकुमार) पहले देशभक्त बनना चाहिए। संघ की प्रार्थना देशभक्ति सिखाती है। यह दु:खद है कि आप गांधी परिवार के प्रति वफादार दिखने के लिए देशभक्ति भूल गए हैं।'
यह उल्लेख करते हुए कि शिवकुमार ने पिछले सत्र के दौरान कहा था कि वे पहले आरएसएस से जुड़े थे और बेंगलूरु में 'विट्ठल शाखा' में भाग लेते थे, सुनील कुमार ने पूछा, 'क्या कांग्रेस इस पर भी आपत्ति करेगी?'
उन्होंने कहा, 'डीके शिवकुमार को तब माफ़ी मांगनी चाहिए थी, जब विधान सौधा परिसर में पा...न ज़िंदाबाद के नारे लगे थे, जब सतीश जरकीहोली (अब मंत्री) ने कहा था कि 'हिंदू' शब्द फ़ारसी है और इसका बहुत गंदा अर्थ है। शिवकुमार को आरएसएस की प्रार्थना गाने के लिए माफ़ी मांगने की कोई ज़रूरत नहीं थी। शिवकुमार ने सत्ता के दबाव में आकर माफ़ी मांगी है।'
उन्होंने कहा, 'सिर्फ़ दो पंक्तियां पढ़ने से कांग्रेस में खलबली मच गई। पता नहीं अगर उन्होंने पूरी प्रार्थना पढ़ ली होती तो क्या होता!'
बता दें कि कांग्रेस के भीतर से आलोचना के बाद शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य विधानसभा में उनके द्वारा गाए गए आरएसएस प्रार्थना गीत 'नमस्ते सदा वत्सले ...' से यदि किसी को ठेस पहुंची है तो उन्हें खेद है। उन्होंने कहा कि वे एक कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी के रूप में ही मरेंगे।