राजनीतिक लाभ के लिए सदन को लगातार चलने न देना ठीक नहीं है: अमित शाह

'जब संसद में सीमित बहस या चर्चा होती है तो राष्ट्र निर्माण में सदन का योगदान प्रभावित होता है'

Photo: amitshahofficial FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि संसद या विधानसभाएं बहस और चर्चा के स्थान हैं, लेकिन संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए विपक्ष के नाम पर सदन को काम नहीं करने देना अच्छा नहीं है।

शाह ने यह टिप्पणी अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुए की। संसद का मानसून सत्र विपक्ष के विरोध के कारण बार-बार व्यवधान और स्थगन के कारण बहुत कम कामकाज के साथ समाप्त हो गया था।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जब संसद में सीमित बहस या चर्चा होती है तो राष्ट्र निर्माण में सदन का योगदान प्रभावित होता है।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहस होनी ही चाहिए, लेकिन किसी के संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए विपक्ष के नाम पर सदन को चलने न दिया जाए, यह ठीक नहीं है। विपक्ष को हमेशा संयमित रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'लेकिन विपक्ष के नाम पर अगर सदन को दिन-प्रतिदिन या सत्र-दर-सत्र चलने नहीं दिया जाएगा, तो यह ठीक नहीं है। देश को इस पर विचार करना होगा, लोगों को इस पर विचार करना होगा और निर्वाचित प्रतिनिधियों को इस पर विचार करना होगा।'

शाह ने कहा कि सभी चर्चाओं में कुछ न कुछ सार्थकता होनी चाहिए और सभी को अध्यक्ष पद की गरिमा और सम्मान बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'हमें लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए एक निष्पक्ष मंच प्रदान करने के लिए काम करना चाहिए। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के तर्क निष्पक्ष होने चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सदन का कामकाज संबंधित सदन के नियमों और विनियमों के अनुसार चले।'

हस्तिनापुर में महाभारत की पात्र द्रौपदी के अपमान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब भी सदन की गरिमा से समझौता हुआ है, देश को भयंकर परिणाम देखने को मिले हैं।

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