चेन्नई/दक्षिण भारत। वरिष्ठ द्रमुक नेता टीकेएस एलंगोवन ने सोमवार को कहा कि भाजपा अपने चुनावी लाभ को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना रही है, क्योंकि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से भी कम समय बचा है।
द्रमुक नेता ने स्पष्ट संकेत दिया कि उनकी पार्टी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन भाजपा के व्यक्ति हैं और इस पार्टी द्वारा दूसरे शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उनका नामांकन उनकी पदोन्नति है तथा इससे तमिलनाडु का 'कुछ भी भला नहीं होने वाला है'।
पूर्व राज्यसभा सांसद एलंगोवन ने आश्चर्य जताया कि द्रमुक को राधाकृष्णन की उम्मीदवारी का समर्थन क्यों करना चाहिए और कहा कि उनकी पार्टी इंडि ब्लॉक के निर्णय का पालन करेगी, जिसमें पार्टी एक प्रमुख भागीदार है।
इस बीच, द्रमुक की सहयोगी एमडीएमके के महासचिव वाइको ने कहा कि वे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सीपी राधाकृष्णन को अपनी पार्टी की ओर से शुभकामनाएं दे रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र के राज्यपाल एक तमिल और सुसंस्कृत व्यक्ति हैं, जो सभी राजनीतिक दलों का सम्मान करते हैं।
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में राधाकृष्णन को उतारने के भाजपा के इरादे की आलोचना करते हुए द्रमुक नेता एलंगोवन ने दावा किया कि उनका नामांकन तमिलनाडु विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में किया गया है, जो मार्च-अप्रैल 2026 में होने हैं।
उन्होंने कहा, 'भाजपा ने तमिलनाडु के लोगों की खातिर राधाकृष्णन का नाम नहीं लिया, बल्कि वह चुनाव में अपने फायदे को ध्यान में रखकर ऐसा कर रही थी, क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और मार्च-अप्रैल 2026 तक होने हैं।'
'वे लोगों के बीच जाकर यह दावा करके तमिलनाडु के लोगों को धोखा देना चाहते हैं कि हमने एक तमिल को उपराष्ट्रपति बनाया है।'
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार हर तरह से तमिलनाडु का अपमान कर रही है।