आवारा श्वानों का खतरा: विपक्षी विधायकों की मांग- उच्चतम न्यायालय के निर्देश कर्नाटक में लागू हों

विधायकों ने विधान सौधा और विधायक निवास के पास आवारा श्वानों की समस्या को उठाया

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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। विपक्षी विधायकों ने बुधवार को कर्नाटक सरकार से राज्य में आवारा श्वानों की समस्या से निपटने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू करने और निवासियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।

विधायकों ने विधान सौधा और विधायक निवास के पास आवारा श्वानों की समस्या को उठाया और अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग की।

विधायकों की यह टिप्पणी उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को निर्देश दिए जाने के बाद आई है कि वे सड़कों से सभी आवारा पशुओं को शीघ्रता से आश्रय स्थलों में स्थायी रूप से स्थानांतरित करें।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि आवारा श्वानों के काटने से रेबीज की समस्या उत्पन्न होने के कारण, विशेषकर बच्चों में, स्थिति बेहद गंभीर है। कार्रवाई का आह्वान ऐसे समय में किया गया है जब एक दिन पहले ही यहां दो कॉलेज छात्रों पर आवारा श्वानों ने हमला किया था और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह घटना केंगेरी के पास हुई थी। 

प्रश्नकाल के तुरंत बाद, विधानसभा में जनता दल (एस) के नेता सीबी सुरेश बाबू ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर राज्य के सभी निगम इसी तरह की कार्रवाई करें, तो इससे बच्चों की सुरक्षा होगी। वरिष्ठ भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को देश के सभी हिस्सों में लागू किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'पिछले छह महीनों में बेंगलूरु में श्वानों के काटने के 18,000 मामले सामने आए हैं और 18 लोग रेबीज़ से संक्रमित हुए हैं। इसे बेंगलूरु, मंगलूरु, मैसूरु और अन्य जगहों पर भी लागू किया जाना चाहिए।'

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