एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह द्वारा की गई यह टिप्पणी कि 'भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराने में कामयाबी हासिल की', हमारे वीर सैनिकों द्वारा दिखाए गए पराक्रम का ऐसा प्रमाण है, जो इतिहास के पृष्ठों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। यह भारत द्वारा सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, जिसके बारे में अध्ययन कर देश के युवा भविष्य में महान योद्धा बनेंगे। पाकिस्तान ने अपने यहां हुए नुकसान को छिपाने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन तकनीक के युग में यह संभव नहीं है। भारत के पास उपग्रहों से ली गईं तस्वीरें हैं, जिनसे साफ पता चलता है कि इस पड़ोसी देश को भारी तबाही का सामना करना पड़ा था। अब भारत के वायुसेना प्रमुख की टिप्पणी से दुनिया को पता चल गया है कि हमने आतंकवाद की लंका का न केवल दहन किया, बल्कि खूंखार आतंकवादियों का खात्मा कर पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय भी दिलाया। एयर चीफ मार्शल का यह कथन कि 'हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की पुष्ट जानकारी है और एक बड़ा विमान है, जो या तो विमान हो सकता है या फिर एडब्ल्यूसी (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया', भारतीय हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम की शानदार काबिलियत को दर्शाता है। हमें इन्हें विक्रय के लिए प्रस्तुत करना चाहिए। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इजराइल जैसे देशों की तकनीक बहुत महंगी पड़ती है। भारत अपने मित्र देशों को तुलनात्मक रूप से कम कीमत में बेहतर हथियार एवं एयर डिफेंस सिस्टम बनाकर दे सकता है।
वायुसेना प्रमुख के बयान से यह भी स्पष्ट हुआ है कि केंद्र सरकार ने लक्ष्य पर प्रहार करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई थी। इसके बगैर यह ऑपरेशन संभव ही नहीं होता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम की घटना के बाद एक कार्यक्रम में दुनिया के नाम यह पैगाम दे दिया था कि आतंकवादियों और उनके आकाओं को मिट्टी में मिला देंगे। ऑपरेशन सिंदूर में यही हुआ। अगर ऐसी इच्छाशक्ति पिछली सरकारों ने दिखाई होती तो पाकिस्तान का दुस्साहस नहीं बढ़ता। ऑपरेशन सिंदूर ने आईसी 814 के गुनहगारों तक का हिसाब कर दिया। इससे पीओके से लेकर पाकिस्तान की जमीन पर पल रहे आतंकवादियों में डर का माहौल है। क्या पता कब भारत से कोई मिसाइल आकर उन्हें परलोक भेजने का इंतजाम कर दे! हाल में कई पाकिस्तानी आतंकवादी 'अज्ञात' लोगों द्वारा मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। यह कार्रवाई कौन कर रहा है? इसके बारे में किसी भी एजेंसी ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन पाकिस्तानी आतंकवादी यह मानने लगे हैं कि अब उनके दिन पूरे हो गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने तो कहर ही बरपा दिया था। इससे आतंकवादियों के अलावा उन ताकतों में भी खलबली मची हुई है, जो पाकिस्तान को आर्थिक और सैन्य मदद पहुंचाती हैं। अमेरिका, चीन और तुर्किये जैसे देशों ने पाकिस्तान की पीठ थपथपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई कार्रवाई ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। ये देश चाहते हैं कि भारत पर पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद का दबाव बना रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो पाकिस्तान की खुलेआम तरफदारी कर अब तक इसी कोशिश में जुटे हैं कि उन्हें शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दे दिया जाए। भारत ने उन्हें खरी-खरी सुनाकर पोल खोल दी। तब से ट्रंप भड़के हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी ने भारत की सैन्य शक्ति को विश्व पटल पर स्थापित किया है। यह दर्शाता है कि हमारी रणनीतिक दृष्टि और कूटनीतिक कौशल अब वैश्विक मंच पर नया मुकाम हासिल कर रहे हैं।