जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हुआ

79 साल की उम्र में आखिरी सांस ली

Photo: @SatyapalMalik6 X account

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। वे काफी समय से यहां अस्पताल में निधन भर्ती थे। उन्होंने 79 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। 

सत्यपाल मलिक, जो अपने लंबे राजनीतिक जीवन में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य होने के अलावा गोवा, बिहार, मेघालय और ओडिशा के राज्यपाल के पदों पर भी रह चुके, यहां राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे। 

उनके आधिकारिक एक्स अकाउंट पर निधन की पुष्टि की गई है। एक पोस्ट में बताया गया है, 'पूर्व राज्यपाल चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक नहीं रहें।'

इससे पहले, बताया गया था कि सत्यपाल सिंह मलिक को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था। बताया गया कि वे किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।

बता दें कि सत्यपाल मलिक ने 7 जून को यह दावा किया था कि जब वे राज्यपाल के पद पर थे तो उस समय उन्हें 150-150 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश हुई थी, लेकिन राजनीतिक गुरु किसान मसीहा चौधरी चरणसिंह की तरह ईमानदारी से काम करते रहे ओर उनका ईमान कोई कभी नहीं डिगा सका।

उसी पोस्ट में सत्यपाल मलिक ने कहा था, 'जब मैं राज्यपाल था, उस समय किसान आंदोलन भी चल रहा था, मैंने बग़ैर राजनीतिक लोभ-लालच के पद पर रहते हुए किसानों की मांग को उठाया था। फिर महिला पहलवानों के आंदोलन में जंतर-मंतर से लेकर इंडिया गेट तक उनकी हर लड़ाई में उनके साथ रहा। पुलवामा हमले में शहीद वीर जवानों के मामले को उठाया, जिसकी आज तक इस सरकार ने कोई जांच नहीं करवाई है।'

सत्यपाल मलिक ने यह कहते हुए आरोप लगाया था, 'सरकार मुझे सीबीआई का डर दिखाकर झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ़ रही है। जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं, उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था, मैंने खुद प्रधानमंत्री को बताया था कि इस मामले में करप्शन है और उन्हें बताने के बाद में मैंने खुद उस टेंडर को कैंसिल किया, मेरा तबादला होने के बाद किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर हुआ। मैं सरकार को और सरकारी एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि किसान कौम से हूं, मैं न तो डरने वाला हूं ओर न ही झुकने वाला हूं।'

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