पटना/दक्षिण भारत। बिहार कांग्रेस ने सोमवार को यहां प्रेसवार्ता का आयोजन कर एसआईआर के बारे में कई सवाल उठाए। प्रदेशाध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि बिहार में एसआईआर के माध्यम से 65.64 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं। इस संबंध में हमने चुनाव आयोग को पत्र लिखे और सवाल पूछे, लेकिन उनकी तरफ से इसका जवाब नहीं आया।
राजेश कुमार ने कहा कि हमारे सवाल थे कि चुनाव आयोग ने जिन लोगों को मृत पाया, जो लोग स्थायी रूप से उपलब्ध नहीं पाए गए, जिन लोगों को उनके पते पर नहीं पाया गया और जिन लोगों के नाम लिस्ट से बाहर किए गए, उनकी विस्तृत सूची कांग्रेस पार्टी को दी जाए।
राजेश कुमार ने कहा कि जो हैरान कर देने वाली बात सामने आई, वो यह है कि चुनाव आयोग की वेबसाइट और प्रेस ब्रीफिंग में कहीं भी वोटर लिस्ट से हटाए गए लोगों के नाम, पते का जिक्र नहीं है। कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें मृत घोषित करके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए।
एआईसीसी सचिव प्रणव झा ने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग ऐसे लोगों को भी वोटर लिस्ट में शामिल कर रहा है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। हालात ये हैं कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जिनके श्राद्ध में गए थे, चुनाव आयोग ने उनका भी नाम वोटर लिस्ट में शामिल किया है।
प्रणव झा ने कहा कि साफ है कि वोटर लिस्ट जांच करने के नाम पर सत्ता में बैठे लोगों द्वारा खेल खेला जा रहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश की अनदेखी हो रही है। यह समय है- बिहार के लोगों के जागरूक होने का और सरकार से सवाल पूछने का। इस चुपचाप की जा रही प्रक्रिया से साफ है कि दाल में कुछ काला है।