भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। केआईआईटी और केआईएसएस ने केआईआईटी विश्वविद्यालय के 11 एथलीटों को सम्मानित किया, जिन्होंने जर्मनी के राइन-रूहर में हाल में संपन्न विश्व विश्वविद्यालय खेलों (डब्ल्यूयूजी) 2025 की विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया और पदक जीते थे।
संस्थान ने बताया कि वह भारत का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने पिछले 65 वर्षों में डब्ल्यूयूजी में इतने पदक जीते हैं।
रजत पदक जीतने वाले हर खिलाड़ी को केआईआईटी और केआईएसएस से 3 लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिला, जबकि कांस्य पदक विजेताओं को 1 लाख रुपए दिए गए। ये पुरस्कार ओलंपियनों सहित कई खेल हस्तियों की मौजूदगी में केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत द्वारा दिए गए।
इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए डॉ. सामंत ने कहा कि विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भारतीय दल में सबसे ज्यादा खिलाड़ी केआईआईटी से थे। भारत ने इस स्पर्धा में कुल 12 पदक जीते, जिनमें से 6 केआईआईटी के एथलीटों ने जीते थे। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केआईआईटी-केआईएसएस और ओडिशा के लिए गर्व की बात है।
केआईआईटी के तीन विद्यार्थियों- अंकिता ने 3,000 मीटर स्टीपलचेज़, प्रवीण चित्रवाल ने ट्रिपल जंप तथा सीमान ने 5,000 मीटर फ़ाइनल में रजत पदक जीते। इसके अलावा, पुरुषों की 4x100 मीटर रिले टीम, महिलाओं की 20 किमी रेस वॉक टीम और बैडमिंटन में अविनाश मोहंती ने कांस्य पदक हासिल किए।
केआईआईटी विश्वविद्यालय ने विभिन्न स्पर्धाओं में अपनी खेल उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया। पुरुषों की 4x100 मीटर रिले में सहकांत होबलीधर, अनिमेष कुजूर, लालू प्रसाद भोई और मत्यम जयराम दंडपति ने कांस्य पदक जीते।
महिलाओं की 20 किमी रेस वॉक टीम स्पर्धा में मुनितप राजपथी, मानसी नेगी और सेजल अनिल सिंह ने कांस्य पदक जीता। अविनाश मोहंती ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर केआईआईटी के कुल पदकों की संख्या छह कर दी।
इस समारोह में केआईआईटी-डीयू के कुलपति प्रो. शरणजीत सिंह, रजिस्ट्रार प्रो. जेआर मोहंती और खेल एवं योग विज्ञान स्कूल के डायरेक्टर जनरल डॉ. गगनेंदु दास भी मौजूद थे। ओलंपियन दुतीचंद, सरबानी नंदा, अमिया मलिक, श्रद्धांजलि सामंत्रे और भवानी देवी ने शिरकत की।