मुझे प्रताड़ित किया गया, मालेगांव मामले में मोदी का नाम लेने को कहा गया था: प्रज्ञा ठाकुर

मालेगांव मामले में विशेष अदालत ने साध्वी को बरी कर दिया है

Photo: Sadhvipragyag FB Page

मुंबई/दक्षिण भारत। सितंबर 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी की गईं पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शनिवार को आरोप लगाया कि जांच अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ित किया और उनसे प्रधानमंत्री (तब गुजरात के मुख्यमंत्री) नरेंद्र मोदी सहित कई लोगों के नाम लेने को कहा था।

ऐसा पहली बार है जब प्रज्ञा ठाकुर ने यह सनसनीखेज दावा किया है, जिसका विशेष एनआईए अदालत के 1036 पृष्ठों के फैसले में कोई उल्लेख नहीं है। 

प्रज्ञा ठाकुर शनिवार को अपनी ज़मानत की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए सत्र अदालत में पेश हुईं। अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने दावा किया कि पूछताछ के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया था।

उल्लेखनीय है कि विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने अपने फैसले में प्रज्ञा ठाकुर के यातना और दुर्व्यवहार के दावों को खारिज कर दिया है।

प्रज्ञा ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, 'उन्होंने (अधिकारियों ने) मुझे प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने को कहा, क्योंकि उस समय मैं सूरत (गुजरात) में रह रही थी। भागवत (आरएसएस प्रमुख) जैसे कई नाम हैं, लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलना चाहती थी।'

उन्होंने दावा किया कि यह सब लिखित में दिया था।

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'उनका मकसद मुझे प्रताड़ित करना था। उन्होंने कहा कि अगर मैंने नाम नहीं लिए, तो वे मुझे प्रताड़ित करेंगे। इन नामों में योगी आदित्यनाथ, सुदर्शनजी, इंद्रेशजी, राम  माधव और कई अन्य नाम शामिल हैं, जिन्हें मैं फिलहाल याद नहीं कर पा रही हूं।'

पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि उन्हें अस्पताल में भी अवैध रूप से हिरासत में रखा गया, जहां वे बेहोश हो गईं और उनके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा था।

उन्होंने कहा, 'मैं अपनी कहानी लिख रही हूं जिसमें मैं ये सब बताऊंगी। सच सामने आएगा। यह धर्म की जीत है, सनातन धर्म की जीत है, और हिंदुत्व की जीत है ... यह एक सनातनी राष्ट्र है, और इसकी हमेशा जीत होती है। उन्होंने मुझे प्रताड़ित करके और देश के सभी भक्तों को इसमें शामिल करके बहुत कोशिश की। हम कोशिश करेंगे कि उन्हें सज़ा मिले।'

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