'नवाचार, स्टार्ट-अप, प्राचीन किले, स्वच्छ भारत' - 'मन की बात' में यह बोले मोदी

प्रधानमंत्री ने देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए

Photo: narendramodi FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हाल में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर देश में बहुत चर्चा हुई। जैसे ही शुभांशु धरती पर सुरक्षित उतरे, लोग उछल पड़े, हर दिल में खुशी की लहर दौड़ गई। पूरा देश गर्व से भर गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने इंस्पायर-मानक अभियान का नाम सुना होगा। यह बच्चों के इनोवेशन को बढ़ावा देने का अभियान है। इसमें हर स्कूल से पांच बच्चे चुने जाते हैं। हर बच्चा एक नया आइडिया लेकर आता है। इससे अब तक लाखों बच्चे जुड़ चुके हैं और चंद्रयान-3 के बाद तो इनकी संख्या दोगुनी हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में अंतरिक्ष स्टार्ट-अप भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पांच साल पहले 50 से भी कम स्टार्ट-अप  थे। आज 200 से ज्यादा हो गए है, सिर्फ अंतरिक्ष क्षेत्र में। अगले महीने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस है। आप इसे कैसे मनाएंगे, कोई नया आइडिया है क्या? मुझे नमो ऐप पर जरूर मैसेज भेजिएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत में आज ​साइंस एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है। कुछ दिन पहले हमारे छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड में मेडल जीते हैं। देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्ज्वल केसरी, इन चारों ने भारत का नाम रोशन किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैथ्स की दुनिया में भी भारत ने अपनी पहचान को और मजबूत किया है। ऑस्ट्रेलिया में हुए अंतरराष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड में हमारे विद्यार्थियों ने 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के और हिस्सों में भी ऐसे ही अद्भुत किले हैं, जिन्होंने आक्रमण झेले, खराब मौसम की मार झेली, लेकिन आत्मसम्मान को कभी भी झुकने नहीं दिया। राजस्थान का चित्तौड़गढ़ का किला, कुंभलगढ़ किला, रणथंभौर किला, आमेर किला, जैसलमेर का किला तो विश्व प्रसिद्ध हैं। कर्नाटक में गुलबर्गा का किला भी बहुत बड़ा है। चित्रदुर्ग के किले की विशालता भी आपको कौतुहल से भर देगी कि उस जमाने में यह किला बना कैसे होगा!

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बांदा में है- कालिंजर किला। महमूद गजनवी ने कई बार इस किले पर हमला किया और हर बार असफल रहा। बुन्देलखंड में ऐसे कई किले हैं- ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार, चंदेरी। ये किले सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं है, ये हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं। संस्कार और स्वाभिमान, आज भी इन किलों की ऊंची-ऊंची दीवारों से झांकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है। 11 किले महाराष्ट्र में, एक किला तमिलनाडु में। हर किले से इतिहास का एक-एक पन्ना जुड़ा है। हर पत्थर, एक ऐतिहासिक घटना का गवाह है। सल्हेर का किला, जहां मुगलों की हार हुई। शिवनेरी, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ। किला ऐसा जिसे दुश्मन भेद न सके। खानदेरी का किला, समुद्र के बीच बना अद्भुत किला। दुश्मन उन्हें रोकना चाहते थे, लेकिन शिवाजी महाराज ने असंभव को संभव करके दिखा दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतापगढ़ का किला, जहां अफजल खान पर जीत हुई, उस गाथा की गूंज आज भी किले की दीवारों में समाई है। विजयदुर्ग, जिसमें गुप्त सुरंगें थीं, छत्रपति शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता का प्रमाण इस किले में मिलता है। मैंने कुछ साल पहले रायगढ़ का दौरा किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने नमन किया था। यह अनुभव जीवनभर मेरे साथ रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगस्त का महीना तो क्रांति का महीना है। एक अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि होती है। 8 अगस्त को गांधीजी के नेतृत्व में 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत हुई थी। फिर आता है 15 अगस्त, हमारा स्वतंत्रता दिवस, हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं, उनसे प्रेरणा पाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 7 अगस्त, 1905 को एक और क्रांति की शुरुआत हुई थी। स्वदेशी आंदोलन ने स्थानीय उत्पादों और खासकर हथकरघा को एक नई ऊर्जा दी थी। इसी स्मृति में देश हर साल 7 अगस्त को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' मनाता है। इस साल 7 अगस्त को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' के 10 साल पूरे हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल भारत का सिर्फ एक सेक्टर नहीं है। यह हमारी सांस्कृतिक विविधता की मिसाल है। आज टेक्सटाइल और परिधान बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस विकास की सबसे सुंदर बात यह है की गांवों की महिलाएं, शहरों के डिजाइनर, बुजुर्ग बुनकर और स्टार्ट-अप शुरू करने वाले हमारे युवा सब मिलकर इसे आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को कभी-कभी कोई काम नामुमकिन-सा लगता है। लगता है, क्या यह भी हो पाएगा? लेकिन जब देश एक सोच पर एक साथ आ जाए, तो असंभव भी संभव हो जाता है। 'स्वच्छ भारत मिशन' इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द ही इस मिशन को 11 साल पूरे होंगे। लेकिन इसकी ताकत और इसकी जरूरत आज भी वैसी ही है। इन 11 वर्षों में 'स्वच्छ भारत मिशन' एक जन आंदोलन बना है। लोग इसे अपना फर्ज मानते हैं और यही तो असली जनभागीदारी है।

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