मोदी का 'आपत्तिजनक' कार्टून: न्यायालय ने कहा- 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का 'दुरुपयोग' हो रहा'

वकील से पूछा, 'आप यह सब क्यों करते हैं?'

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस कार्यकर्ताओं के कथित आपत्तिजनक कार्टून सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोपी कार्टूनिस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का 'दुरुपयोग' हो रहा है।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय के वकील से पूछा, 'आप यह सब क्यों करते हैं?' मालवीय ने इस मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी।

मालवीय का प्रतिनिधित्व कर रहीं अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मामला वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान बनाए गए एक कार्टून से संबंधित है।

उन्होंने कहा, 'यह अरुचिकर हो सकता है। मैं कहना चाहूंगी कि यह घटिया है। मुझे इस हद तक जाने दीजिए। लेकिन क्या यह अपराध है? माई लॉर्ड्स ने कहा है कि यह आपत्तिजनक हो सकता है, लेकिन यह अपराध नहीं है। मैं सिर्फ़ क़ानून पर हूं। मैं किसी चीज़ को सही ठहराने की कोशिश नहीं कर रही हूं।'

ग्रोवर ने मालवीय द्वारा की गई पोस्ट को हटाने पर सहमति जताई। न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा, 'हम इस मामले में चाहे जो भी करें, लेकिन यह निश्चित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग है।'

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