नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी संसद के आगामी मानसून सत्र के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को एक महत्त्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस सत्र में कई मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच टकराव की आशंका है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के चुनाव आयोग के कदम पर विपक्षी दलों द्वारा कड़ी चिंता जताए जाने की संभावना है। इसके अलावा, कांग्रेस पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की कूटनीतिक गतिविधियों पर चर्चा की मांग कर रही है।
कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी अपने 10 जनपथ स्थित आवास पर करेंगी।
सरकार ने घोषणा की है कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 21 अगस्त तक चलेगा, जो कि पूर्व नियोजित अवधि से एक सप्ताह अधिक है, जिससे भारी विधायी एजेंडे का संकेत मिलता है।
पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होना था, लेकिन अब इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है।
सत्र की लंबी अवधि ऐसे समय में आई है जब सरकार प्रमुख विधेयक लाने की योजना बना रही है, जिसमें परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश को सुगम बनाने से संबंधित विधेयक भी शामिल है।
सरकार, परमाणु क्षेत्र को निजी कम्पनियों के लिए खोलने की केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम और परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन करने की योजना बना रही है।
विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग कर रहा है। यह 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी स्थलों पर किया गया हमला है।
विपक्षी दल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में परमाणु युद्ध को टालने के लिए मध्यस्थता के दावों पर भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
सरकार ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने फोन पर ट्रंप से कहा था कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी इसे स्वीकार नहीं करेगा।