कराची/दक्षिण भारत। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई 'हनीट्रैप' संबंधी गतिविधियों के लिए कुख्यात है। वह सोशल मीडिया पर खूबसूरत महिलाओं की प्रोफाइल बनाकर भारतीय अधिकारियों तथा नागरिकों को झांसा देने और उनसे खुफिया जानकारी हासिल करने की कोशिश करती है। वहीं, पाकिस्तान में सिंध के डाकुओं ने इस तर्ज पर अपने ही देशवासियों को लूटना शुरू कर दिया है। इन्हें 'कच्चे के डाकू' कहा जाता है और ये पाकिस्तानियों को हनीट्रैप कर उनसे करोड़ों रुपए ऐंठते हैं।
रॉन्ग नंबर से हुई शुरुआत
एक युवक के फोन की घंटी बजी। उधर से किसी महिला की आवाज़ आई। युवक को ऐसा महसूस कराया गया कि रॉन्ग नंबर लग गया था। अगले दिन उसी नंबर से दोबारा कॉल आई। अब तो उस युवक और 'महिला' के बीच खूब बातें होने लगीं। कुछ दिन बाद 'महिला' ने उसे मिलने के लिए बुलाया। युवक वहां चला गया। बाद में पता चला कि उसका अपहरण कर लिया गया है!
पाकिस्तान में घोटकी, शिकारपुर और कशमोर कंधकोट में महिलाओं की आवाज़ में फ़ोन कॉल कर लोगों के अपहरण की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें डाकू खुद अपहरण नहीं करते, बल्कि व्यक्ति ही उनके पास चला जाता है।
मीरपुर मथिलो में नौवीं कक्षा का एक छात्र परीक्षा देकर घर पहुंचा था। उससे फोन पर एक युवती ने संपर्क किया और बातचीत का सिलसिला चल पड़ा। कुछ महीनों बाद उस युवती ने कहा कि 'अब तो हम परिचित हैं, इसलिए मुलाकात जरूर करनी चाहिए।' लड़का इसके लिए सहमत हो गया। उसे फोन पर जिस जगह का नाम बताया गया, वहां पहुंच गया। थोड़ी देर बाद एक व्यक्ति आया और बोला, 'मुझे मैडम ने भेजा है। मेरे साथ चलें।'
वे कुछ ही दूर चले थे कि चार लोग और आ गए। उनके हाथों में बंदूकें थीं। अब तक लड़के को हकीकत मालूम हो चुकी थी। वहां उसकी मैडम से तो मुलाकात नहीं कराई गई, अलबत्ता खूब पिटाई हुई। डाकुओं ने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। न देने पर हत्या करने की धमकी दी। संयोगवश वहां पुलिस पहुंच गई, इसलिए वह लड़का डाकुओं के जाल से निकल भागा।
डाकुओं का आदमी करता है 'स्वागत'
स्थानीय अधिकारी बताते हैं कि फ़ोन पर बात करने के लिए डाकुओं ने कुछ महिलाएं भी रखी हुई हैं। वे लोगों से संपर्क करती हैं और किसी न किसी तरह से उन्हें आने के लिए राज़ी कर लेती हैं। इसके बाद डाकुओं का काम शुरू हो जाता है। जो व्यक्ति फोन पर बताई गई जगह पर पहुंच जाता है, उसे लेने के लिए डाकुओं का एक आदमी मौजूद होता है। वह कहता है, 'मैडम आपका इंतज़ार कर रही हैं।'
पाकिस्तानी डाकुओं ने इसी तरह एक इलेक्ट्रीशियन का अपहरण कर उससे 50 लाख रुपए मांगे थे। जब पता चला कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है और कोई फिरौती नहीं मिलेगी, तो डाकुओं ने उसकी एक टांग पर गोली मारकर उसे छोड़ दिया।
बता दें कि पिछले लगभग दो वर्षों में भारत में भी 'डिजिटल अरेस्ट' की कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लग चुका है। इन साइबर अपराधियों के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। वहां कई गांवों में साइबर अपराधियों ने अपने दफ्तर बना रखे हैं, जिनमें बैठकर वे देश-दुनिया के लोगों से ठगी करते हैं।