बेंगलूरु/दक्षिण भारत। दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) के मैसूरु मंडल के तहत सकलेशपुर-सुब्रह्मण्य रोड (एसकेएलआर-एसबीएचआर) खंड के विद्युतीकरण का काम प्रगति पर है। 55 रूट किमी (आरकेएम) और 71 ट्रैक किमी (टीकेएम) में फैला यह महत्त्वपूर्ण खंड पश्चिमी घाट से होकर गुजरता है। इसमें क्षेत्र के सबसे ऊबड़-खाबड़ और दुर्गम इलाके शामिल हैं।
इस खंड में 57 सुरंगें और 46 प्रमुख पुल हैं। उनके लिए 91 ब्रिज मास्ट्स और कुल 1,673 ओएचई फाउंडेशन्स की स्थापना की जरूरत है। इनमें से 252 स्पेशल फाउंडेशन्स को डिजाइन और क्रियान्वित किया गया है।
सुरंग विद्युतीकरण के साथ 7,648 टनल होल ड्रिलिंग और घुमावदार जगहों पर 419 ब्रैकेटों की स्थापना के साथ महत्त्वपूर्ण इंजीनियरिंग उपलब्धि हासिल की गई है। वहीं, एक मजबूत प्रोजेक्ट मैनेजमेंट रणनीति लागू की गई।
रणनीतिक स्टेशनों- केजीवीएल, वाईडीके, एआरटी और एसवीजीएल में लेबर कैंप और कंटेनर आवास स्थापित किए गए। काम में तेजी लाने के लिए 'राइट्स' और कॉन्ट्रैक्टर एससीपीएल-पीएमपीएल (जेवी) सहित लगभग 300 श्रमिकों और 30 पर्यवेक्षी कर्मचारियों को लगातार तैनात किया गया है।
साल 2025 के मध्य तक, एसकेएलआर से डीओजी और एसबीएचआर से एसवीजी तक के खंड, जो 22 आरकेएम और 30 टीकेएम को कवर करते हैं, पहले ही विद्युतीकृत और कमीशंड हो चुके हैं। बाकी खंड - डीओजीएल-केजीवीएल, केजीवीएल-वाईडीके, और वाईडीके-एसवीजीएल (कुल 33 आरकेएम और 41 टीकेएम) - सक्रिय कार्यान्वयन के तहत हैं। इनके 31 दिसंबर तक कमीशंड होने की उम्मीद है।