जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य महाराज ने बेंगलूरु में श्रीराम कथा के दौरान जिस तरह 'हीरो' के गुण बताए हैं, उनसे सबको, खासकर युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। निस्संदेह भगवान श्रीराम हमारे इतिहास के सबसे बड़े नायक हैं। हमें उनका अनुसरण करना चाहिए। युवाओं को तो अपना आदर्श चुनने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। जब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था, तब युवाओं के नायक महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, सरदार पटेल आदि थे। उस दौरान युवाओं के निजी कक्षों में इनके अलावा रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद जैसे दिव्य संतों के चित्र लगे होते थे। आज स्थिति काफी बदल गई है। अगर यह कह दिया जाए कि कल सुबह इन महापुरुषों के 'जीवन एवं संदेश' पर चर्चा करेंगे तो युवा आएंगे, लेकिन बहुत कम। वजह होगी- 'समय नहीं मिला, काफी काम था।' वहीं, अगर सोशल मीडिया पर इतनी-सी बात पोस्ट कर दी जाए कि 'कल आपके मोहल्ले में एक ऐसा मशहूर शख्स आ रहा है, जिसने किसी फिल्म (जिसमें आपत्तिजनक दृश्य भी रहे होंगे) में किरदार निभाया था और इन दिनों वह जुआ-सट्टा वाले किसी ऐप के विज्ञापन में छाया हुआ है', तो उसके लिए पलक पांवड़े बिछ जाएंगे। आज का युवा जिन्हें अपना 'हीरो' मान बैठा है, वे क्या कर रहे हैं और क्या संदेश दे रहे हैं? एक स्वस्थ समाज के लिए मनोरंजन की जरूरत होती है, लेकिन उसकी मर्यादा होनी चाहिए। आज के कुछ कथित हीरो फिल्मों और वेब सीरीज में धड़ल्ले से अभद्र शब्द बोलते नजर आते हैं। कुछ फिल्में और सीरीज तो ऐसी हैं, जिन्हें अकेले बैठकर देखने से भी शर्म महसूस होती है। युवा सोशल मीडिया पर उन दृश्यों के मीम्स बनाते हैं, दोस्तों के बीच उनके शब्दों को खास अंदाज में दोहराते हैं।
क्या इस तरह हम विश्वगुरु बनेंगे? आज हम जिन्हें अपने 'हीरो' मान रहे हैं, वे हमें किस ओर लेकर जा रहे हैं? उनमें से कोई तो गुटखे का विज्ञापन कर रहा है, कोई कलाबाजियां दिखाते हुए ऐसे पेय का प्रचार कर रहा है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं है। एक 'हीरो' तो जल्द अमीर बनने का ख्वाब दिखाते हुए मोबाइल फोन में ऐसा ऐप डाउनलोड करने के लिए कह रहा है, जिससे कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। फिर भी लोग सबक लेने को तैयार नहीं! भगवान श्रीकृष्ण ने 'महाभारत' के माध्यम से यह दिखाया था कि जुआ बहुत बुरा होता है। इससे खानदान उजड़ जाते हैं, राजपाट नष्ट हो जाते हैं। हाल में एक चर्चित फिल्म में नजर आई अभिनेत्री भी ऐसे ऐप का प्रचार कर रही हैं। उनके करोड़ों फैन हैं। युवा उनके 'आग्रह' पर अपने मोबाइल फोन में वह ऐप धड़ाधड़ डाउनलोड कर रहे हैं। किसी ने अपनी कॉलेज फीस दांव पर लगा दी, तो कोई वर्षों की बचत लगाकर करोड़पति बनना चाहता है। किसी ने उधार लेकर रुपए लगाए, तो किसी ने अपने ही घर में सेंध लगा दी। अगर अपना 'हीरो' चुनते समय अक्ल से काम लिया होता, तो ऐसा हर्गिज नहीं होता। याद रखें, किसी 'हीरो' के कहने पर हानिकारक पदार्थ का सेवन करेंगे और सेहत बिगड़ेगी तो वह आपकी मदद करने नहीं आएगा। अगर जुआ-सट्टा का ऐप डाउनलोड कर दांव लगा दिया और सबकुछ हार गए तो वह 'हीरो' अपनी कमाई से आपके नुकसान की भरपाई नहीं करेगा। अगर किसी फिल्म या वेब सीरीज में दिखाई गई अमर्यादित जीवनशैली को अपनाएंगे तो कोई 'हीरो' समझाइश करने नहीं आएगा। जो शख्स मनोरंजन जगत में अच्छा काम करे, उसे जरूर सराहें, लेकिन जिनका अनुसरण करें, उनका चयन बहुत सोच-समझकर करें।