नई दिल्ली/दक्षिण भारत। इन दिनों सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि 3,000 रुपए से ज्यादा का यूपीआई पेमेंट करेंगे तो मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) चुकाना होगा। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि उक्त राशि से कम पेमेंट करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
हालांकि सरकार ने इसका खंडन किया है। उसने स्पष्ट किया है कि ये कोरे कयास हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी है। उसने कहा है कि ये अटकलें और दावे कि यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर लगाया जाएगा, पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें हमारे नागरिकों में अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती हैं। इसके साथ ही उसने बताया कि सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बता दें कि सोशल मीडिया पर कुछ मीडिया रिपोर्टों का हवाला देकर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार यूपीआई के जरिए होने वाले बड़े लेनदेन पर शुल्क लगाने की जरूरत महसूस कर रही है। इसके लिए बैंकों से बात की जाएगी। उसके बाद सही समय पर इसे लागू किया जाएगा। हालांकि यह दावा सिर्फ एक कयास निकला।