मुंबई/दक्षिण भारत। आरबीआई ने शुक्रवार को विकास को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में अपेक्षा से अधिक 50 आधार अंकों की कटौती की, जो वित्त वर्ष 2025 में चार साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई है।
ब्याज दरों में कटौती के बाद प्रमुख नीतिगत दर घटकर तीन वर्ष के निम्नतम स्तर 5.5 प्रतिशत पर आ गई, जिससे आवास, ऑटो और कॉर्पोरेट ऋण लेने वालों को राहत मिली है।
यह तीन वर्षों में सबसे कम रेपो दर है। रेपो दर यानी वह दर जिस पर बैंक आरबीआई से धन उधार लेते है, पिछली बार 5 अगस्त, 2022 को 5.40 प्रतिशत थी।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि विकसित हो रहे व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास तथा आर्थिक परिदृश्य के विस्तृत आकलन के बाद मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती करने का निर्णय लिया है।
आरबीआई ने फरवरी 2025 से नीतिगत दर में 100 आधार अंकों की कटौती की है। अप्रैल में अपनी पिछली नीति समीक्षा में भी उसने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6 प्रतिशत कर दिया था।
उन्होंने कहा कि रेपो में 100 आधार अंकों की त्वरित कटौती के बाद, मौद्रिक नीति के पास विकास को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश बची है।
कोविड-19 के बाद यह पहली बार है कि आरबीआई ने फरवरी 2020 से लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है।