नई दिल्ली/दक्षिण भारत। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सरकार ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को एक कूटनीतिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए नामित किया है। इस पर शनिवार को थरूर ने कहा कि जब राष्ट्रीय हित की बात हो और उनकी सेवाओं की ज़रूरत हो, तो वे कभी पीछे नहीं हटेंगे।
थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें सरकार द्वारा हाल के घटनाक्रमों पर देश का दृष्टिकोण पेश करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के निमंत्रण पर गर्व है।
उनका बयान तब आया जब सरकार ने घोषणा की कि वे इस महीने के अंत में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस के संदेश को पहुंचाने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को प्रमुख साझेदार देशों, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य शामिल हैं, में भेजेगी।
थरूर ने एक्स पर कहा, 'मुझे भारत सरकार के निमंत्रण पर गर्व है कि हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का मौका मिला है।'
उन्होंने कहा, 'जब राष्ट्रीय हित की बात हो और मेरी सेवाओं की ज़रूरत हो, मैं पीछे नहीं हटूंगा। जय हिंद!'
सरकार ने उन नेताओं का सावधानीपूर्वक चयन किया है, जो इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे। ये नेता विभिन्न राजनीतिक दलों से हैं और इन्हें प्रभावी वक्ता माना जाता है।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जद (यू) सांसद संजय झा, द्रमुक की कनिमोझी, राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
इनमें से चार नेता सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडि गठबंधन से हैं।