कोप्पल/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने शुक्रवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत को आतंकवादियों का सफाया करने के लिए और अधिक कठोर कार्रवाई करनी चाहिए थी तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि पाकिस्तान भविष्य में उनका समर्थन न करे।
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच 'युद्धविराम' कराने में मदद की थी।
सिद्दरामय्या ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कश्मीर (पहलगाम) में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान ही आतंकवादियों की मदद और उन्हें पनाह दे रहा है। मेरे अनुसार, हमें एक अवसर मिला और इसका उपयोग करते हुए हमें आतंकवादियों के खिलाफ और अधिक कठोर कार्रवाई करनी चाहिए थी। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि पाकिस्तान फिर से आतंकवादियों की मदद और सहयोग न कर सके। आतंकवादियों का सफाया कर दिया जाना चाहिए था।'
चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान 10 मई को संघर्ष समाप्त करने पर सहमत हुए।
कुछ मंत्रियों और विधायकों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी करने के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी राय व्यक्त कर दी है।
उन्होंने कहा, 'कुछ कांग्रेस नेताओं और विधायकों ने अपनी राय व्यक्त की है, जैसा कि कुछ भाजपा नेताओं और विधायकों ने भी किया है। सेना के अधिकारियों ने वही कहा है जो उन्हें कहना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर ने बात की है।'
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच 'युद्ध विराम' कराने में मदद की। उन्होंने कहा, 'ट्रंप ने कुछ कहा था। कल उन्होंने 12 मई को जो कहा था, उससे अलग बात कही। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि किस बयान पर विश्वास करें। मुझे लगता है कि ट्रंप का पहला बयान सही था। मुझे ऐसा लगता है।'
अपने पूर्व बयान - 'युद्ध की कोई आवश्यकता नहीं' - के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए सिद्दरामय्या ने कहा कि उन्होंने कभी भी पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध का खुलकर विरोध नहीं किया तथा स्पष्ट किया कि उनका यह विचार है कि देश, इसके लोगों तथा इसकी संप्रभुता की रक्षा के लिए यदि आवश्यक हो तो युद्ध किया जाना चाहिए।