नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात 8 बजे देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी ने बीते दिनों में देश की सामर्थ्य और उसका संयम, दोनों देखे। मैं सबसे पहले, भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को हर भारतवासी की ओर से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया है। मैं उनकी वीरता, उनके साहस, उनके पराक्रम को आज हमारे देश की हर माता, बहन और बेटी को समर्पित करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए देश की सेनाओं को खुली छूट दे दी। आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया। छुट्टियां मना रहे निर्दोष, मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने बेरहमी से मार डालना, यह आतंक का बहुत वीभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से यह पीड़ा बहुत बड़ी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, सिर्फ नाम नहीं है, यह देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है, लेकिन जब देश एकजुट होता है, नेशन फर्स्ट की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं। परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ने देखा, कैसे पाकिस्तान के ड्रोन, मिसाइल भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गए। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के ड्रोन्स और मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिन पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था। भारत की आक्रमक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा और बुरी तरह पिटने के बाद 10 मई के दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हम खंडहर बना चुके थे। इसलिए पाकिस्तान की ओर से जब गुहार लगाई कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है, आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वह क्या रवैया अपनाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, एक बेहतर दुनिया की गारंटी है। पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे हैं, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मत एकदम स्पष्ट है कि टेरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते। टेरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते।