बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने बिहार विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जाति जनगणना कराने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि जाति जनगणना पर केंद्र का कदम भी कांग्रेस, खासकर इसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बनाए गए दबाव के कारण है।
सिद्दरामय्या ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'भाजपा नीत केंद्र ने बुधवार को जाति जनगणना के संबंध में जिस जल्दबाजी में निर्णय लिया, उससे मुझे विश्वास हो गया कि यह बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया गया है।'
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा में ढील दी जानी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का विश्लेषण किया जाना चाहिए और उन्हें तदनुसार आरक्षण दिया जाना चाहिए।
उनके अनुसार, 50 प्रतिशत की सीमा तय करने का फैसला साल 1992 में इंद्रा साहनी मामले में दिया गया था। उन्होंने बताया कि मंडल आयोग के बारे में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने आरक्षण पर सीमा तय की थी।
सिद्दरामय्या ने कहा, 'आरक्षण की अधिकतम सीमा तय करने के पीछे कोई वैज्ञानिक या संवैधानिक कारण नहीं थे, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तय कर दी।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण की अधिकतम सीमा में संशोधन नहीं कर सकती, क्योंकि यह केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केवल केंद्र को सिफारिश कर सकती है।