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'युद्ध की कोई जरूरत नहीं' ... बयान पर विवाद के बाद सिद्दरामय्या ने क्या कहा?

'कुछ शरारती तत्त्व देश में फूट डालने और शांति व एकता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं'

'युद्ध की कोई जरूरत नहीं' ... बयान पर विवाद के बाद सिद्दरामय्या ने क्या कहा?
Photo: @siddaramaiah x account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने 'पाकिस्तान से युद्ध की कोई जरूरत नहीं' संबंधी अपने कथित बयान पर मचे विवाद के बाद रविवार को स्पष्टीकरण​ दिया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, 'मैंने युद्ध के बारे में अपने बयान के पक्ष और विपक्ष में बहस और चर्चाएं देखी हैं। युद्ध हमेशा किसी देश का अंतिम विकल्प होना चाहिए - कभी भी पहला या एकमात्र विकल्प नहीं। सिर्फ तभी जब दुश्मन को हराने के सभी अन्य तरीके विफल हो गए हों, तब किसी देश को युद्ध के लिए मजबूर होना चाहिए।'

सिद्दरामय्या ने लिखा, 'पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में किए गए भीषण आतंकवादी हमले ने हमारे देश के लोगों और केंद्र सरकार, दोनों के लिए यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारी खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां थीं। अब सरकार की यह गंभीर जिम्मेदारी है कि वह सबसे पहले इन कमियों को दूर करे और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों।'

उन्होंने लिखा, 'केंद्र सरकार ने पहले ही कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार भी शामिल है, जिसका हम तहे दिल से स्वागत करते हैं। हमें भरोसा है कि और भी कठोर कदम उठाए जाने की संभावना है। हर कदम को दुनिया को बताने की जरूरत नहीं है; निश्चिंत रहें, देश उठाए गए हर मजबूत और निर्णायक कदम के पीछे पूरी तरह से एकजुट है।'

मुख्यमंत्री ने लिखा, 'वहीं, कुछ शरारती तत्त्व देश में फूट डालने और शांति व एकता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार को ऐसी ताकतों के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। आज भारत एक अत्यंत संवेदनशील चौराहे पर खड़ा है। अगर हमें बाहरी दुश्मनों का सामना करना है, तो हमें पहले आंतरिक एकता को मजबूत करना होगा।'

उन्होंने लिखा, 'पाकिस्तान आज एक ढहता हुआ, दिवालिया, बीमार और कमज़ोर देश है। उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा है। इसके विपरीत, भारत उभर रहा है - विश्व व्यवस्था में एक उभरती हुई महाशक्ति - और इसलिए, हमें समझदारी और सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।'

मुख्यमंत्री ने लिखा, 'इस महत्त्वपूर्ण क्षण में, दुनियाभर के देश पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं। हमें इस अभूतपूर्व वैश्विक समर्थन का लाभ उठाना चाहिए और पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाना चाहिए कि वह फिर कभी ऐसी नासमझी भरी हरकतें करने की हिम्मत न करे।'

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