Dakshin Bharat Rashtramat

हंपी: आईएफए सम्मेलन में रक्षा वित्त सुधारों पर गहन विचार-विमर्श हुआ

रक्षा लेखा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया

हंपी: आईएफए सम्मेलन में रक्षा वित्त सुधारों पर गहन विचार-विमर्श हुआ
आईएफए प्रणाली के बारे में बताया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। एकीकृत वित्तीय सलाहकार (आईएफए) सम्मेलन का उद्घाटन गुरुवार को कर्नाटक के हंपी शहर में हुआ। इसमें रक्षा मंत्रालय (वित्त) और रक्षा लेखा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया।

आईडीएएस के वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) एसजी दस्तीदार ने अपने संबोधन में विभाग की 275 साल से ज्यादा पुरानी विरासत और आयोजन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने आईएफए प्रणाली के बारे में बताया।

उन्होंने बाहरी और आंतरिक तत्त्वों की पृष्ठभूमि में वित्तीय चुनौतियों के बारे में बताया, जिनमें अस्थिर पड़ोसी देश, विभिन्न खतरे, यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्षों के कारण पैदा वैश्विक व्यवधान शामिल थे।

आईडीएएस, सीजीडीए डॉ. मयंक शर्मा ने कहा कि यह सम्मेलन मजबूत विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। साथ ही वैश्विक सुरक्षा वातावरण में वित्तीय सलाहकारों की भूमिका को अधिक स्पष्टता देगा।

उन्होंने तकनीकी एकीकरण की जरूरत पर जोर दिया। वहीं, रक्षा मंत्री के आकांक्षापूर्ण 'सुधार वर्ष 2025' के अनुरूप प्रोजेक्ट 'सम्पूर्ण' के जरिए विभाग की विरासत को सुदृढ़ किया। उन्होंने वित्तीय फैसले लेने में आर्थिक सिद्धांतों को शामिल करके रक्षा वित्त में आमूलचूल परिवर्तन को भी रेखांकित किया।

आईडीएएस, अतिरिक्त सीजीडीए विश्वजीत सहाय ने अपने स्वागत भाषण में नियमों / प्रक्रियाओं के दिए गए परिदृश्य के भीतर रक्षा वित्तीय ढांचे को मजबूत करने के लिए गहन विचार-विमर्श और आलोचनात्मक चर्चा को बढ़ावा देने में सम्मेलन की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कार्यान्वयन और व्यावहारिक समाधानों का आह्वान किया।

आईडीएएस संयुक्त सीजीडीए (वित्त) शिवल्ली चौहान ने धन्यवाद दिया। उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों और मीडिया के प्रति आभार जताया। उन्होंने स्वर्णश्री राव राजशेखर के अथक प्रयासों की सराहना की।

About The Author: News Desk

News Desk Picture