Dakshin Bharat Rashtramat

उच्चतम न्यायालय पूजा स्थल अधिनियम से संबंधित याचिका पर कल करेगा सुनवाई

राम जन्मभूमि विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया था

उच्चतम न्यायालय पूजा स्थल अधिनियम से संबंधित याचिका पर कल करेगा सुनवाई
Photo: PixaBay

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय मंगलवार को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के एक प्रावधान की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा, जो किसी स्थान के धार्मिक चरित्र को 15 अगस्त, 1947 के अनुसार बनाए रखने का आदेश देता है।

एक अप्रैल की वाद सूची के अनुसार, याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई होनी है।

यह कानून किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक परिवर्तन पर रोक लगाता है तथा किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को उसी रूप में बनाए रखने का प्रावधान करता है, जैसा वह 15 अगस्त, 1947 को था।

हालांकि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से संबंधित विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया था।

याचिका में न्यायालय से यह निर्देश देने की मांग की गई है कि अदालतों को किसी पूजा स्थल के मूल धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए उचित आदेश पारित करने की अनुमति दी जाए।

इसमें अधिनियम की धारा 4 (2) को चुनौती दी गई है, जो धार्मिक स्वरूप बदलने की कार्यवाही पर रोक लगाती है। इसके अलावा इसके लिए नए मामले दायर करने पर भी रोक लगाती है।

अधिवक्ता श्वेता सिन्हा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि अधिनियम में इन स्थानों में 'संरचना, भवन, निर्माण या इमारत' में परिवर्तन पर रोक लगाए बिना पूजा स्थलों के धार्मिक चरित्र के संरक्षण और रखरखाव को अनिवार्य बनाया गया है।

About The Author: News Desk

News Desk Picture