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बेंगलूरु में यातायात सुगम बनाने के लिए डबल-डेकर फ्लाईओवर और सुरंग सड़कें बनाई जाएंगी

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाई गई है

बेंगलूरु में यातायात सुगम बनाने के लिए डबल-डेकर फ्लाईओवर और सुरंग सड़कें बनाई जाएंगी
Photo: DKShivakumar.official FB Page

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को घोषणा की कि बेंगलूरु की यातायात भीड़भाड़ को कम करने के लिए डबल डेकर फ्लाईओवर, सुरंग सड़कें, बफर सड़कें, एलिवेटेड कॉरिडोर और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाई गई है।

विधान परिषद में एमएलसी सुधम दास द्वारा यातायात प्रवाह में सुधार के लिए किए जा रहे उपायों पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने बेंगलूरु की जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया है। नई दिल्ली के विपरीत, बेंगलूरु एक नियोजित शहर नहीं है - केवल जयनगर, इंदिरानगर और मल्लेश्वरम जैसे क्षेत्रों में ही योजनाबद्ध लेआउट है।'

शिवकुमार ने कहा कि पेरिफेरल रिंग रोड परियोजना से शहर की यातायात संबंधी समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती थीं, लेकिन इसे क्रियान्वित नहीं किया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि पीआरआर को पहले लागू किया जाता तो इसकी लागत 3,000-4,000 करोड़ रुपए होती, लेकिन आज इसकी लागत बढ़कर 26,000 करोड़ रुपए हो गई है।

उन्होंने कहा, 'हम आज उस निर्णय की कीमत चुका रहे हैं। अब हमने दो सुरंग सड़कों की योजना बनाई है - पूर्व से पश्चिम तक 17 किलोमीटर का विस्तार और उत्तर से दक्षिण तक 23 किलोमीटर का विस्तार। पहले चरण के लिए निविदाएं जल्द ही आमंत्रित की जाएंगी।'
    
शिवकुमार ने यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बरसाती नालों के किनारे डबल-डेकर फ्लाईओवर और चौड़ी बफर सड़कें बनाने की योजना का भी खुलासा किया।

उन्होंने ने कहा, 'हम उन जगहों पर डबल-डेकर फ्लाईओवर बनाने की योजना बना रहे हैं, जहां नई मेट्रो लाइनें विकसित की जा रही हैं। बीबीएमपी और बीएमआरसीएल लागत को बराबर-बराबर साझा करेंगे।'

उन्होंने अपने कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा, 'एक किलोमीटर लंबे डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण में 120 करोड़ रुपए की लागत आती है और हमने इस परियोजना के लिए 9,000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।'

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