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प्रभु केसरिया आदिनाथ के च्यवन कल्याणक से शंकरपुरम प्रतिष्ठा महोत्सव के स्टेज कार्यक्रम प्रारंभ

अयोध्या नगरी में डिजिटल टेक्नोलॉजी से ओतप्रोत कार्यक्रम बने आकर्षण का केंद्र

प्रभु केसरिया आदिनाथ के च्यवन कल्याणक से शंकरपुरम प्रतिष्ठा महोत्सव के स्टेज कार्यक्रम प्रारंभ
धार्मिक पाठशालाओं के शिक्षकों का किया सम्मान

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के शंकरपुरम क्षेत्र में केसरिया आदिनाथजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं प्राचीन श्री आदिनाथ प्रतिमा के प्रतिष्ठा महाेत्सव के तीसरे दिन आचार्यश्री रत्नाकरसूरीश्वरजी व श्रुताेपासकश्री रत्नसंचय सूरीश्वरजी के सान्निध्य में प्रभु के च्यवन कल्याणक का भव्य आयाेजन किया गया। सुबह मंदिर में भगवान के माता-पिता, इन्द्र-इन्द्राणी की स्थापना के साथ दिन की शुरुआत हुई। तीसरे दिन बनाई गई अयाेध्या नगरी में च्यवन कल्याणक प्रसंग का डिजिटल एवं टेक्नाेलाॅजी के माध्यम से अत्यंत मनाेहारी मंचन मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा।

इस माैके पर आचार्यश्री रत्नाकरसूरीश्वरजी ने अपने प्रवचन में कहा कि जगत का कल्याण करने वाले, विश्व का कल्याण करने वाले ऐसी जीवात्मा भगवान का कल्याणक देखना, सुनना, समझना महान पुण्य का संचय है। यह कल्याणक सभी के आत्मकल्याण का कारण बने, यही कामना। 

स्टेज कार्यक्रम में साक्षात अयाेध्या नगरी में माता मरुदेवी ने प्रभु का गर्भ धारण प्रसंग बहुत ही मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया गया। आचार्याें का स्वागत प्रसिद्ध संगीतकार विनीत गेमावत एवं समस्त श्रावक-श्राविकाओं द्वारा 'स्वागतम गुरुराज’ गीत से किया गया। 

अयाेध्या नगरी में इसी प्रकार श्री केसरिया आदिनाथजी के पिताश्री महाराज नाभिराजा व माताश्री मरुदेवी का स्वागत संगीत के साथ किया गया। कल्याणक कार्यक्रम में तीर्थंकर भगवान की माता द्वारा देखे जाने वाले 14 शुभ स्वप्नाें की गाथा का संगीतमय और नृत्यमय मंचन प्रस्तुत किया गया, जाे श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावविभाेर कर देने वाला रहा। 

त्रिशला माता के इन स्वप्नाें का भावार्थ भी गीत और नृत्य के माध्यम से अद्भुत शैली में प्रस्तुत किया गया। पहली बार डिजिटल एवं टेक्नाेलाॅजी के माध्यम से अजर,अमर और अविनाशी आत्मा के गर्भ धारण का यह उत्सव अद्भुत हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम में नाश्ते व नवकारशी के लाभार्थियाें का सम्मान भरत चक्रवर्ती भाेजन मंडप में संघ परिवार द्वारा किया गया। महाेत्सव में शहर की विभिन्न जैन धार्मिक पाठशालाओं के गुरुजी, सहयाेगी शिक्षक एवं वाटिका शिक्षकाें का सम्मान भी किया गया। इसके अतिरिक्त विभिन्न लाभार्थी परिवाराें का भी अयाेध्या नगरी में सम्मान किया गया। 

रात्रि में भव्य भक्ति संध्या का आयाेजन हुआ जिसमें विक्की पारेख व वैभव बागमार ने मधुर गीताें ने समस्त श्रद्धालुओं काे भक्ति सागर में डुबाे दिया।

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