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पूरी दुनिया भारत को 'ग्रोथ सेंटर' के तौर पर देख रही है: मोदी

प्रधानमंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र पर बजट-पश्चात वेबिनार को संबोधित किया

पूरी दुनिया भारत को 'ग्रोथ सेंटर' के तौर पर देख रही है: मोदी
Photo: BJP X account

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एमएसएमई क्षेत्र पर बजट-पश्चात वेबिनार को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विनिर्माण और निर्यात पर यह वेबिनार हर दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। यह बजट हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट था। इस बजट की सबसे खास बात रही, अपेक्षाओं से अधिक डिलीवरी। कई सेक्टर्स ऐसे हैं, जहां विशेषज्ञों ने भी जितनी अपेक्षाएं की थीं, उससे अधिक कदम सरकार ने उठाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया का हर देश, भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है। हमारे विनिर्माण क्षेत्र को इस साझेदारी का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया और सुधारों की अपनी गति को और तेज किया। हमारे प्रयासों से अर्थव्यवस्था पर कोविड का प्रभाव कम हुआ। इससे भारत को तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिली।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 14 सेक्टर्स को पीएलआई योजना का फायदा मिल रहा है। इस योजना के तहत 7.5 करोड़ यूनिट्स को मंजूरी दी गई है। इससे 1.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट आया है, 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रोडक्शन हुआ है और पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का एक्सपोर्ट हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग यात्रा में अनुसंधान एवं विकास का अहम योगदान है। इसे और आगे बढ़ाने और गति देने की आवश्यकता है। अनुसंधान एवं विकास द्वारा हम अभिनव उत्पाद पर फोकस कर सकते हैं, साथ ही प्रोडक्ट्स में वैल्यू एडिशन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में एमएसएमई की संख्या बढ़कर 6 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इससे करोड़ों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। इस बजट में एमएसएमई की परिभाषा का फिर विस्तार किया है, ताकि हमारे उसको निरंतर आगे बढ़ते रहने का आत्मविश्वास मिले। इससे युवाओं के लिए और ज्यादा रोजगार के अवसर तैयार होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया राजनीतिक अनिश्चितता से गुजर रही है। पूरी दुनिया भारत को एक ग्रोथ सेंटर के तौर पर देख रही है। कोविड संकट के दौरान जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आई, तब भारत ने ग्लोबल ग्रोथ को रफ्तार दी।

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