Dakshin Bharat Rashtramat

व्यक्ति को कभी भी अपनी असलियत नहीं छोड़नी चाहिए: समकितमुनि

विजयनगर स्थानक में हुआ जैन कॉन्फ्रेंस के पदाधिकारियों का सम्मान

व्यक्ति को कभी भी अपनी असलियत नहीं छोड़नी चाहिए: समकितमुनि
संघ के अध्यक्ष आनंद कुमार नाहर ने गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के विजयनगर स्थानक भवन में विराजित वरिष्ठ उपाध्याय विशालमुनिजी के आज्ञानुवर्ती गुरुदेव डाॅ. समकितमुनिजी ने अपने प्रवचन में कहा कि व्यक्ति काे कभी अपनी असलियत छाेडकर कर दूसराें की नकल नहीं करनी चाहिए।

उन्हाेंने अनेक उदाहरणाें व दृष्टांत के माध्यम से समझाया कि यह दुःखाें का कारण ताे बनता ही है, पर इसके साथ व्यक्ति की अपनी अहमियत, विशिष्ट पहचान तथा अपनी संस्कृति अपने वैभव सब कुछ खाे देता है।

संघ के अध्यक्ष आनंद कुमार नाहर ने गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। मंत्री कन्हैयालाल सुराणा ने इस अवसर पर संत दर्शनार्थ आए जैन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय पदाधिकारियाें, प्रान्तीय अध्यक्ष प्रकाशचंद बुरड़, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश पाेखरना, महामंत्री नेमीचंद दलाल, काेषाध्यक्ष पुखराज आंचलिया, मंत्री दिनेश पाेरवाड, प्रांतीय युवा अध्यक्ष आशीष भंसाली, राजाजीनगर संघ अध्यक्ष प्रकाशचंद चाणाेदिया, श्रीरामपुरम संघ अध्यक्ष ताराचंद गुगलिया, वरिष्ठ श्रावक सुआलाल दक, पत्रकार गाैतमचंद ओस्तवाल, अम्बेश गुरु सेवा समिति के युवा अध्यक्ष हंसमुख मारू, विजय नगर युवा अध्यक्ष शंकरलाल दक, मंत्री महावीर गुगलिया आदि का सम्मान किया तथा जैन कॉन्फ्रेंस के सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियाें काे बधाई दी।

About The Author: News Desk

News Desk Picture