Dakshin Bharat Rashtramat

'रोबोटिक्स में महारत, नासा से नौकरी का प्रस्ताव' ... मेधावी प्रद्युम्न बने बीएपीएस में संन्यासी

दो पेटेंट भी ​कर चुके अपने नाम

'रोबोटिक्स में महारत, नासा से नौकरी का प्रस्ताव' ... मेधावी प्रद्युम्न बने बीएपीएस में संन्यासी
स्वामी केशवसंकल्पदास ने सेवा को समर्पित किया जीवन

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। इलेक्ट्रिकल एवं रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में महारत रखने वाले एक युवक ने सांसारिक मोह-माया को त्यागकर बीएपीएस में संन्यास दीक्षा ग्रहण की है। दी गई जानकारी के अनुसार, न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड में जन्मे प्रद्युम्न भगत अब स्वामी केशवसंकल्पदास बन गए हैं। उन्होंने अपने जीवन को बीएपीएस के आध्यात्मिकता, सेवा और नैतिक उत्थान के वैश्विक मिशन को समर्पित कर दिया है।

प्रद्युम्न भगत अत्यंत मेधावी छात्र रहे हैं। वे 15 साल की उम्र में टेड एक्स वक्ता बन गए थे। उनके नाम पर दो पेटेंट भी हैं। उन्होंने अटलांटा से इलेक्ट्रिकल एवं रोबोटिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। यही नहीं, उन्होंने बोइंग के लिए अत्याधुनिक रोबोटिक्स पर काम किया था। इसके बाद बोइंग और नासा जेपीएल से उच्च पद पर नौकरी के प्रस्ताव मिले थे।

इसके बावजूद उन्होंने बीएपीएस में संन्यासी जीवन अपनाने का फैसला किया। उन्होंने संन्यास दीक्षा ग्रहण कर अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत कर दी है। इस फैसले को निःस्वार्थता, भक्ति और विश्वास के उच्चतम मूल्यों का प्रतीक बताया जा रहा है।

स्वामी केशवसंकल्पदास की इस दिव्य यात्रा के बारे में बीएपीएस ने कहा कि यह एक उच्च उद्देश्य का प्रमाण है, जो आध्यात्मिकता, भक्ति और निःस्वार्थ सेवा में निहित है। संस्था ने कहा ​कि उनकी कहानी लोगों को मानवता की निःस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरणा देगी।

About The Author: News Desk

News Desk Picture