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जाे व्यक्ति संयम में रहता है, वाे परमलक्ष्य काे पाता है: मुनिश्री माेहजीतकुमार

'परम विजय काे पाना है ताे संयम की चेतना का जागरण करना है'

जाे व्यक्ति संयम में रहता है, वाे परमलक्ष्य काे पाता है: मुनिश्री माेहजीतकुमार
सभा के पूर्व अध्यक्ष बहादुर सेठिया ने गीत का गान किया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। तेरापंथ मुनिश्री माेहजीतकुमारजी ने शनिवार काे गांधीनगर स्थित तेरापंथ सभा भवन में मंगल प्रवेश किया। इस माैके पर उपस्थित जनाें काे संबाेधित करते हुए मुनिश्री माेहजीतकुमारजी ने कहा कि जाे व्यक्ति संयम में रहता है, वाे परमलक्ष्य काे पाता है। 

परम विजय काे पाना है ताे संयम की चेतना का जागरण करना है, काेई भी काम धैर्य से करना चाहिए। व्यक्ति क्रिया करता है, उसका परिणाम भी ध्यान में रखना चाहिए। प्रवचन सुनने से विचार धारा बदलती है विचार बदलने से आत्मा उत्थान हाेता है।

मुनिश्री भव्य कुमारजी ने अपने उद्बाेधन में सामायिक साधना के बारे में विशेष जानकारी दी एवं बताया कि एक ही बात के अनेक शब्दार्थ हाेते हैं, जाे समझने वाला किस रूप में समझता है, अपनी अपनी बुद्धि एवं विवेक से समझ लेता है। 

तेरापंथ सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली ने सभी का स्वागत किया। मंत्री विनाेद छाजेड़ ने आगामी कार्यक्रमाें की जानकारी देते हुए मुनिश्री से भवन में कुछ और दिन विराजने हेतु निवेदन किया। सभा के पूर्व अध्यक्ष बहादुर सेठिया ने गीत का गान किया।

ट्रस्ट अध्यक्ष सुशील चाेरड़िया ने अपने विचार व्यक्त किए। इस माैके पर कन्हैयालाल गिडिया, साेहनलाल मांडाेत, सुरेश दक, विनय बैद, प्रकाश कटारिया, तेयुप अध्यक्ष विमल धारीवाल,मंत्री राकेश चाेरड़िया, महिला मण्डल अध्यक्षा रिजु डूंगरवाल सहित विभिन्न संबंधित संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मंत्री विनाेद छाजेड़ ने किया।

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