नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह बहुत बड़ा सौभाग्य है कि देश की जनता ने मुझे 14वीं बार इस जगह पर राष्ट्रपति के संबोधन का आभार व्यक्त करने का अवसर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जनता-जनार्दन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं और सदन में इस चर्चा में जिन-जिन लोगों ने हिस्सा लिया और चर्चा को समृद्ध किया, उन सबका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति का उद्बोधन भविष्य के 25 वर्ष और विकसित भारत के लिए एक नया विश्वास जगाने वाला है। एक प्रकार से राष्ट्रपति का यह उद्बोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला है, नया विश्वास पैदा करने वाला है और जन-सामान्य को प्रेरित करने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास दिया है। गरीब का दुख, सामान्य मानव की तकलीफ, मिडल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते हैं। इसके लिए जज्बा चाहिए। मुझे दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ लोगों में यह है ही नहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फूस और प्लास्टिक की कच्ची छत के नीचे जीवन गुजारना कितना मुश्किल होता है! कुछ ऐसे पल भी होते हैं, जब सपने रौंद दिए जाते हैं और ये हर कोई नहीं समझ सकता है। अब तक गरीबों को 4 करोड़ पक्के घर मिले हैं। जिसने उस जिंदगी को जिया है, उसे समझ होती है कि पक्की छत वाला घर क्या होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं, उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी। मैं उनका गुस्सा समझ सकता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांव तक सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचते हैं। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी, विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जनधन, आधार, मोबाइल की जेएएम ट्रिनिटी बनाई और डायरेक्ट ट्रांसफर करना शुरू किया। हमारे कार्यकाल में हमने 40 लाख करोड़ रुपए सीधे जनता-जनार्दन के खाते में जमा किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले ... 10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं, जो जनता-जनार्दन की सेवा में लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपए की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया। उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक नल से शुद्ध जल मिलने के कारण, उन परिवारों में जो अन्य बीमारियों पर खर्चे होते थे, औसत 40 हजार रुपए परिवार के बचे हैं। ऐसी अनेक योजनाएं हैं, जिसने सामान्य मानव के खर्च में बचत की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 के पहले, ऐसे बम-गोले फेंके गए, बंदूक की ऐसी गोलियां चलाई गईं, जिनसे देशवासियों का जीवन छलनी हो गया था। हम धीरे-धीरे उन घावों को भरते हुए आगे बढ़े। साल 2013-14 में सिर्फ 2 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होता था, जबकि आज (2025-26) 12 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लगातार युवा भविष्य को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ दल हैं, जो युवाओं को धोखा दे रहे हैं। ये दल चुनाव के दौरान वादा तो करते हैं, लेकिन पूरा नहीं करते हैं। ये दल, युवाओं के भविष्य पर आप-दा बनकर गिरे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कैसे काम करते हैं, यह हरियाणा में देश ने देखा है। बिना खर्ची-बिना पर्ची नौकरी देने का वादा किया था, सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई। हम जो कहते हैं, उसी का परिणाम है, हरियाणा में भव्य विजय।