महाकुंभ भगदड़: उच्चतम न्यायालय ने जनहित याचिका पर दिया यह जवाब

प्रयागराज में संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने महाकुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देशों की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इन्कार कर दिया। 

बता दें कि प्रयागराज में संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए थे।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस कथन पर गौर किया कि मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहले ही एक याचिका दायर की जा चुकी है और वर्तमान याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में विचार नहीं किया जाना चाहिए।

इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' करार देते हुए, शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल तिवारी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने को कहा।

पीठ ने तिवारी से कहा, 'यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन आप इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाइए।'

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलों पर गौर किया कि न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है।

प्रयागराज में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद 30 जनवरी को शीर्ष न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी।

यह घटना मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई, जो हिंदू कैलेंडर के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।

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