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शिक्षा, संस्कार और संस्कृति हमारी अमूल्य धरोहर हैं: लीलाबाई चोयल

सीरवी समाज वरतूर वडेर में संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन हुआ

शिक्षा, संस्कार और संस्कृति हमारी अमूल्य धरोहर हैं: लीलाबाई चोयल
नशा मुक्त बनाते हुए समाज संस्कारित बनाया जा सकता है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। सीरवी समाज वरतूर वडेर में रविवार को संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। सीरवी समाज महासभा कर्नाटक अध्यक्षा लीलाबाई चोयल के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमें हमारी संस्कृति को भूलना नहीं चाहिए। संस्कृति ही हमारी विरासत हैं।

उन्होंने कहा कि हर रविवार को सांस्कृतिक शिक्षण शिविर समाज भवन में आयोजित होने जा रहा है। इससे आने वाली पीढ़ी को नशा मुक्त बनाते हुए समाज संस्कारित बनाया जा सकता है।

इस मौके पर लीलाबाई का सम्मान किया गया। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष भुण्डाराम राठौड़, उपाध्यक्ष जीयाराम पंवार, सचिव ज्ञानाराम सातपुरा, सहसचिव मांगीलाल बर्फा, कोषाध्यक्ष भगाराम काग, सहकोषाध्यक्ष सोहनलाल बर्फा, महिला मंडल अध्यक्ष, सचिव आदि मौजूद रहे।

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