लॉस एंजिलिस में जल्द खोला जाएगा भारतीय वाणिज्य दूतावास: जयशंकर

बेंगलूरु में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास का हुआ उद्घाटन

लॉस एंजिलिस में जल्द खोला जाएगा भारतीय वाणिज्य दूतावास: जयशंकर

Photo: drsjaishankar FB Page

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अमेरिका से बेंगलूरु में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास स्थापित करने का अनुरोध किया था और लॉस एंजिलिस में एक भारतीय राजनयिक मिशन खोलने का वादा किया है। वह भारत में पांचवें अमेरिकी वाणिज्य दूतावास खोले जाने से जुड़े एक समारोह में भाग लेने के लिए शुक्रवार को बेंगलूरु में हैं। यहां यह वाणिज्य दूतावास जल्द ही काम करना शुरू कर देगा। जयशंकर ने इसे अत्यंत महत्वपूर्ण ‘‘उपलब्धि’’ बताया।

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भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपने संबोधन में कहा कि बेंगलूरु स्थित वाणिज्य दूतावास फिलहाल वीजा सेवाएं प्रदान नहीं करेगा। जयशंकर ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वीजा परिचालन यथाशीघ्र शुरू हो। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं (अगले) विदेश मंत्री (मार्को) रुबियो से मिलने जाऊंगा तो मेरे लिए चर्चा का यह पहला विषय होगा। हम इसे जितनी जल्दी पूरा कर लेंगे, उतना ही बेहतर होगा।’’

जयशंकर ने आंकड़ों का हवाला देते हुए अमेरिका से अपील की कि वह यथाशीघ्र बेंगलूरु से वीजा जारी करना शुरू करे। उन्होंने कहा, मैं आंकड़े देख रहा था और यह देखकर बहुत खुश हुआ कि पिछले साल, आरपीओ (क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय) बेंगलूरु ने 8,83,000 पासपोर्ट जारी किए। यह सिर्फ एक साल का आंकड़ा है। हिसाब लगाकर देखिए और आप पाएंगे कि यात्रा को सुचारू बनाना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां से हर हफ्ते सैन फ्रांसिस्को के लिए तीन उड़ानें हैं।

जयशंकर ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि अगर बोइंग और एयरबस अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो और भी बहुत कुछ होगा। उन्होंने कहा कि बेंगलूरु में वाणिज्य दूतावास की लंबे समय से मांग थी। उन्होंने कहा, पहला, मेरा मानना है कि बेंगलूरु इसका हकदार था और इसकी उम्मीद भी थी।‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बेंगलूरु का इतना महत्वपूर्ण स्थान है कि मेरे लिए यह जरूरी है कि यहां अमेरिकी राजनयिकों की स्थायी उपस्थिति हो।’’ विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि ‘‘पिछले पांच सालों में जब भी वह इस शहर में आए हैं, यहां हमेशा कोई न कोई उनसे पूछा करता था, तो, वह वाणिज्य दूतावास कब खुल रहा है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह (मांग) वास्तव में समाज के हर वर्ग से थी। यह व्यवसायियों की ओर से थी, यह प्रौद्योगिकी जगत की ओर से थी, यह शिक्षाविदों की ओर से थी। यह उन लोगों से भी थी जिनसे आप किसी रेस्तरां में मिलते हैं।’’ विदेश मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान बेंगलूरु में वाणिज्य दूतावास खोलने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि वाणिज्य दूतावास खुलने से रक्षा एवं शिक्षा क्षेत्र में साझेदारी नयी ऊंचाई पर पहुंचेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस वाणिज्य दूतावास का औपचारिक उद्घाटन एक और संकेत है कि हम इतिहास की झिझक पर काबू पा रहे हैं। अब यह हमारी पहुंच में है, संभावना के दायरे में है, कि हम भारत-अमेरिका संबंधों की क्षमता को पूरी तरह से महसूस कर सकें्। और मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि बेंगलूरु भी संबंधों में अपनी क्षमता को महसूस करे।’’

गार्सेटी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि बेंगलूरु में वाणिज्य दूतावास स्थापित करना भारत में उनका अंतिम कार्य होगा। गार्सेटी जल्द ही भारत में अपना कार्यभार छोड़ देंगे। गार्सेटी ने कहा, आप जानते हैं, भारत के साथ हमारा रिश्ता नया नहीं है। दुनिया में हमारा दूसरा वाणिज्य दूतावास यहीं भारत में था। 1776 में अमेरिका की स्वतंत्रता के बाद, हमने फ्रांस के ल्योन में एक वाणिज्य दूतावास खोला और फिर दूसरा कोलकाता में खोला, जो उस समय एक नए अमेरिकी राष्ट्र के लिए भारत के महत्व को दर्शाता था।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि बेंगलूरु में वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन वैश्विक मंच पर कर्नाटक के बढ़ते महत्व का प्रमाण है। शिवकुमार ने कहा, मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर अमेरिकी वाणिज्य दूतावास और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को धन्यवाद देता हूं। जयशंकर के पिता बेंगलूरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष रह चुके हैं। आज वो यहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे आईटी और बीटी उद्योग मंत्री ने भी इस प्रयास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शिवकुमार ने कहा, भारत को बेंगलूरु के माध्यम से देखा जाता है। यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक और पवित्र दिन है। हम लंबे समय से अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बेंगलूरु में लाने का प्रयास कर रहे थे। कर्नाटक में दिवंगत एस.एम. कृष्णा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान, ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन के बाद अमेरिकी वाणिज्य दूतावास लाने के प्रयास शुरू किए गए थे।

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