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एसजीपीसी द्वारा 'इमरजेंसी' पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर कंगना ने दी यह प्रतिक्रिया

एसजीपीसी प्रमुख ने भगवंत मान को पत्र लिखा

एसजीपीसी द्वारा 'इमरजेंसी' पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर कंगना ने दी यह प्रतिक्रिया
Photo: KanganaRanaut FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। अभिनेत्री से सांसद बनीं कंगना रनौत ने शुक्रवार को कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की 'इमरजेंसी' पर प्रतिबंध लगाने और पंजाब के कुछ हिस्सों में फिल्म के सीमित प्रदर्शन की मांग 'कला और कलाकार' का पूर्ण उत्पीड़न है।

बता दें कि एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जो शुक्रवार को पूरे देश में रिलीज हुई है।

लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा के कई सिनेमाघरों में 'इमरजेंसी' फिल्म नहीं दिखाई गई, क्योंकि एसजीपीसी के सदस्यों ने फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। राज्य में मॉल और सिनेमाघरों के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा, 'यह कला और कलाकार का पूर्ण उत्पीड़न है, पंजाब के कई शहरों से खबरें आ रही हैं कि ये लोग इमरजेंसी को प्रदर्शित नहीं होने दे रहे हैं।'

हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद रनौत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं सभी धर्मों का अत्यधिक सम्मान करती हूं और चंडीगढ़ में पढ़ाई की और पली—बढ़ी हूं, मैंने सिक्ख धर्म को करीब से देखा और उसका पालन किया है।'

उन्होंने आरोपों पर कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है और मेरी छवि खराब करने और मेरी फिल्म 'इमरजेंसी' को नुकसान पहुंचाने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है।'

कंगना कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा की एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिन्होंने 'इमरजेंसी' पर प्रतिबंध लगाने के आह्वान का समर्थन करते हुए कहा था कि रनौत 'किसानों और सिक्खों के हमारे देश के प्रति योगदान को जाने बिना' उनकी एक आलोचक हैं।

विधायक ने कहा, 'एसजीपीसी हमारी निर्वाचित प्रतिनिधि संस्था है और भगवंत मान को इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए, जिसमें सिक्खों को गलत तरीके से दर्शाया गया है और हमारे राज्य पंजाब और इसके लोगों को बदनाम किया गया है।'

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