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गृहस्थों को धर्म का संदेश देते हुए बारह व्रती बनने की प्रेरणा दी

बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला का आयोजन हुआ

गृहस्थों को धर्म का संदेश देते हुए बारह व्रती बनने की प्रेरणा दी
कार्यशाला में 16 नए सदस्यों ने बारह व्रत की दीक्षा धारण की

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा निर्देशित बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला का आयोजन आचार्य महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी सिद्धप्रभाजी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तेयुप एचबीएसटी, हनुमंतनगर द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री द्वारा नवकार महामंत्र के मंगल मंत्रोच्चार से हुआ। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन सभा मंत्री हेमराज मांडोत द्वारा किया गया। परिषद अध्यक्ष कमलेश झाबक ने श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत करते हुए अपने व्यक्तव्य में सभी को बारह व्रती बनने की प्रेरणा दी।

साध्वी सिद्धप्रभा ने भगवान महावीर द्वारा प्रदत्त गृहस्थों को जीवनयापन के लिए धर्म के बारे में बताते हुए बारह व्रती बनने की प्रेरणा दी। साध्वीश्री ने आवश्यक हिंसा के अलावा संकल्पजा स्थूल हिंसा का कुछ अपवादों के साथ त्याग की प्रेरणा दी। इसके साथ साथ सम्यक दीक्षा एवं गुरुधारना के बारे में समझाया। श्रावक-श्राविका समाज की बारह व्रत को लेकर जिज्ञासाओं का समाधान किया। उन्होंने 12 नियम एवं 14 नियमों की जानकारी दी।

सभा अध्यक्ष गौतम दक, महिला मंडल अध्यक्ष सरोज दुगड़ ने अपने वक्तव्य में बारह व्रती बनने की शुभकामनाएं दीं। इस कार्यशाला में 16 नए सदस्यों ने बारह व्रत की दीक्षा धारण की।

इस अवसर पर महिला मंडल मंत्री मीनाक्षी देरासरिया, जैन समय से अशोक नागोरी, अभातेयुप से गौतम खाब्या, तेयुप उपाध्यक्ष द्वितीय देवेंद्र आंचलिया, सहमंत्री प्रथम नवरतन बोल्या, सहमंत्री द्वितीय रक्षित लोढा, कोषाध्यक्ष धवल बोल्या, ललित बोहरा, प्रतीक पोरवाड़, महावीर देरासरिया सहित स्थानीय संघीय संस्थाओं के पदाधिकारी एवं श्रावक-श्राविका मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष प्रथम राहुल मेहता ने किया। महावीर कटारिया ने आभार ज्ञापित किया।

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