वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जाए: राहुल गांधी
राहुल ने शून्यकाल के दौरान मुद्दा उठाया
Photo: rahulgandhi FB page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि केरल के वायनाड में भूस्खलन में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई। उन्होंने मांग की है कि केंद्र वहां प्रभावित लोगों के बचाव और पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता दे।
शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए राहुल गांधी ने भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजन को अधिक मुआवजा देने तथा महत्त्वपूर्ण परिवहन एवं संचार लाइनों को बहाल करने की भी मांग की।कांग्रेस सदस्यों द्वारा सरकार से जवाब मांगे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पी विजयन से बात की है और राहत प्रयासों के समन्वय के लिए केरल से एक राज्य मंत्री को भी भेजा है।
राहुल गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'वायनाड में जो तबाही मची है, वह दिल दहला देने वाली है। मैंने संसद में केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करे, जिसमें मुआवज़ा बढ़ाना और तत्काल मुआवजा देना शामिल है।'
उन्होंने कहा, 'हमारे देश में हाल के वर्षों में भूस्खलन की घटनाओं में ख़तरनाक वृद्धि देखी गई है। समय की मांग है कि हमारे पारिस्थितिकी रूप से कमज़ोर क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति को संबोधित करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना बनाई जाए।'
उन्होंने कहा, 'मैं वायनाड में मेप्पाडी के पास हुए भीषण भूस्खलन से बहुत दुखी हूं। मेरी हार्दिक संवेदनाएँ उन शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजन को खो दिया है। मुझे उम्मीद है कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।'
राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड जिला कलेक्टर से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि बचाव कार्य जारी है। मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करें, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करें और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करें।'
उन्होंने कहा, 'मैं केंद्रीय मंत्रियों से बात करूंगा और उनसे वायनाड को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करूंगा। मैं सभी यूडीएफ कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता करें।'


