Dakshin Bharat Rashtramat

अपनी जड़ों में तंदुरुस्ती का राज़: पाकिस्तान में भी बढ़ रही योग की लोकप्रियता

सेहत को फायदा होने से पाकिस्तानी करने लगे योगाभ्यास

अपनी जड़ों में तंदुरुस्ती का राज़: पाकिस्तान में भी बढ़ रही योग की लोकप्रियता
Photo: cda.isb.pk FB page

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। इस समय जब पूरी दुनिया में योग की लोकप्रियता बढ़ रही है तो हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लोग विभिन्न आसन करते नजर आने लगे हैं। पश्चिमी वि​श्वविद्यालयों और शोध संस्थानों द्वारा योग के फायदों पर मुहर लगाए जाने के बाद पाकिस्तानी थोड़ा झिझकते हुए ही सही, योग को अपनाने लगे हैं।

यूं तो पाक में हर उस चीज, वस्तु, मान्यता और विचार का विरोध किया जाता है, जिसका जरा-सा भी संबंध भारत से हो, लेकिन वहां योग की लोकप्रियता इस वजह से बढ़ रही है, क्योंकि इससे सेहत को फायदा होता है। 

पाक में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने स्वीकार किया है कि वे गरिष्ठ भोजन और प्रतिकूल दिनचर्या के कारण विभिन्न बीमारियों से घिरे हुए थे तथा हर महीने हजारों रुपए की दवाइयां ले रहे थे। उसके बाद उन्होंने इंटरनेट पर भारतीय योग गुरुओं के वीडियो देखकर जिज्ञासावश योग करना शुरू किया, जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ। खासकर मोटापा, रक्तचाप, मधुमेह, अनिद्रा, तनाव, अवसाद आदि स्वास्थ्य समस्याओं में तो योग बहुत बड़ा वरदान है।

यही नहीं, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के एफ-9 पार्क में मुफ्त योग कक्षाएं चलाई जा रही हैं। इस्लामाबाद के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) के आधिकारिक फेसबुक पेज पर यह जानकारी दी गई है।

सीडीए का कहना है कि सेहत और तंदुरुस्ती की ओर अपनी यात्रा शुरू करने के लिए कई लोग पहले ही इसमें शामिल हो चुके हैं।

पाक में योग की लोकप्रियता बढ़ने का एक और कारण है। किसी समय यह भूभाग भारत का ही हिस्सा था, इसलिए लोग अपनी जड़ें तलाशने के लिए भारतीय संस्कृति को जिज्ञासा भरी दृष्टि से देखते हैं। वहीं, पश्चिम में योग की बढ़ती लोकप्रियता के कारण भी पाकिस्तानी योग सीख रहे हैं। 

जब पश्चिमी शोध संस्थान कहते हैं कि योग में इतनी खूबियां हैं तो पाकिस्तान में लोग इस तर्क के साथ इसे सीखने की शुरुआत करते हैं कि किसी ज़माने में हमारे पूर्वज योग किया करते थे। पाक के एक मशहूर योग प्रशिक्षक तो यह दावा करते हैं कि 'योग का जन्म पाकिस्तान में हुआ था!' 

हालांकि ज्ञात इतिहास के अनुसार, जब हजारों साल पहले योग की उत्पत्ति हुई तो पाकिस्तान का कहीं नामो-निशान नहीं था। योगशास्त्र को भारत के ऋषियों-मुनियों ने अपने ज्ञान और तपस्या से समृद्ध व संपन्न किया। आज यह संपूर्ण मानवता के लिए है। 

ज़रूर पढ़िए:
पाचन तंत्र को बेहतर बनाकर रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है धनुरासन

About The Author: News Desk

News Desk Picture