नई दिल्ली/दक्षिण भारत। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि खालिस्तानी अलगाववादी तत्त्वों को राजनीतिक स्थान देकर कनाडा सरकार यह संदेश दे रही है कि उसका वोटबैंक उसके कानून के शासन से 'अधिक शक्तिशाली' है।
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है और उसका पालन करता है, लेकिन यह विदेशी राजनयिकों को धमकाने, अलगाववाद को समर्थन देने या हिंसा की वकालत करने वाले तत्त्वों को राजनीतिक स्थान देने की स्वतंत्रता के बराबर नहीं है।
पंजाब के सिक्ख प्रवासियों के बीच खालिस्तानी समर्थकों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोगों को कनाडा में प्रवेश करने और रहने की अनुमति कैसे दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसी भी नियम-आधारित समाज में आप कल्पना करेंगे कि लोगों की पृष्ठभूमि की जांच करेंगे, वे कैसे आए, उनके पास कौनसा पासपोर्ट था आदि।
मंत्री ने कहा कि यदि आपके पास ऐसे लोग हैं, जिनकी उपस्थिति बहुत ही संदिग्ध दस्तावेजों पर है, तो यह आपके बारे में क्या कहता है? यह वास्तव में कहता है कि आपका वोटबैंक आपके कानून के शासन से अधिक शक्तिशाली है।