ऐसा मौका न दें

पीओके में कई कैंप चल रहे हैं, जहां आतंकवादी खून-खराबा करने का मंसूबा बनाए बैठे हैं

चन्नी ने जो बयान दिया, पाकिस्तान उसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पुंछ आतंकी हमले के बारे में जो बयान दिया, वह देश के लिए बलिदान हुए वीर सैनिकों के परिवारों के लिए किसी आघात से कम नहीं है। भारतीय सैनिक देश की रक्षा के लिए वर्दी पहनता है। जब कभी दुश्मन से उसका सामना होता है तो वह अपनी परवाह किए बिना जान की बाजी लगा देता है, ताकि उसके देशवासी सुरक्षित रहें। आश्चर्य की बात है कि चन्नी को इसमें भाजपा को जीत दिलाने के लिए किया गया ‘स्टंट’ नजर आ रहा है! चन्नी कोई नए-नवेले नेता नहीं हैं। वे पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस राज्य ने अतीत में पाक प्रायोजित आतंकवाद के कारण बहुत मुश्किल दौर देखा है। उसके पूर्व मुख्यमंत्री से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी। पुंछ में भारतीय वायुसेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले से संबंधित एक सवाल के जवाब में उनका यह कहना कि 'हमले नहीं हो रहे हैं', देश के सुरक्षा बलों और एजेंसियों की कार्य-प्रणाली पर ही प्रश्नचिह्न है। अगर हमले नहीं हो रहे हैं तो हमारे जवान वीरगति को क्यों प्राप्त हो रहे हैं, उनका खून क्यों बह रहा है? क्या चन्नी के पास ऐसी कोई विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट है, जिससे साबित होता हो कि पाकिस्तान की ओर से हमले नहीं हो रहे हैं और इधर कोई स्टंट चल रहा है? जब वरिष्ठ नेता कोई बयान देते हैं तो उसकी तस्दीक करने के लिए सबूत की जिम्मेदारी भी उन पर ही आती है। आज पाकिस्तान की ओर से होने वाले आतंकी हमले काफी कम हो गए हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसने (पाक) आतंकवाद का रास्ता छोड़ दिया है। वह आर्थिक रूप से तबाही के कगार पर पहुंचने के बावजूद आतंकवादी गतिविधियों में लगा हुआ है। पीओके में कई कैंप चल रहे हैं, जहां तैयार हो रहे आतंकवादी एलओसी पार कर इधर खून-खराबा करने का मंसूबा बनाए बैठे हैं।

यह तो भारतीय सैनिकों का शौर्य और हमारी खुफिया एजेंसियों की सतर्कता है कि ऐसे ज्यादातर आतंकवादी इधर आने से पहले ही ढेर कर दिए जाते हैं। भारत में उनकी हिमायत करने वालों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। अब तक कई मॉड्यूल ध्वस्त किए जा चुके हैं। आतंकवादी संगठनों की कमर तोड़ने के लिए उन लोगों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है, जो उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा बहुत गंभीर मुद्दा होता है। किसी देश में काफी निवेश आ रहा है, कारोबार खूब चल रहा है, लोग खुशहाल हैं ... लेकिन अचानक राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाए तो ये बातें कोई मायने नहीं रखतीं। देश में प्रगति, खुशहाली, विकास जैसी बातें तभी संभव हैं, जब वह अंदरूनी और बाहरी, दोनों तरफ से सुरक्षित हो। चन्नी ने जो बयान दिया, पाकिस्तान उसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है। आईएसआई के इशारे पर चलने वाला उसका मीडिया दिन-रात यह प्रकाशित-प्रसारित करेगा कि 'भारत में आतंकवादी हमले स्टंट का नतीजा हैं ... हम तो मुफ्त में बदनाम हो रहे हैं ... ऐसी घटनाओं में हमारा कोई हाथ नहीं होता है।' आईएसपीआर (पाक सशस्त्र बलों की मीडिया शाखा) भारतीय टीवी चैनलों पर नजर गड़ाए रहती है कि कब उसे 'मसालेदार' सामग्री मिले और वह उसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ करे! यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में काफी लोग जाने-अनजाने में उसे ऐसी सामग्री मुहैया करा देते हैं। उसके बाद आईएसपीआर और आईएसआई इस सामग्री का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती हैं और दुनियाभर में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करती हैं। इसलिए वरिष्ठ नेता ऐसा कोई बयान न दें, जिससे दुश्मन को हंसने का मौका मिले।

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