बैंक ऑफ महाराष्ट्र का निवल लाभ चौथी तिमाही में 45 प्रतिशत बढ़ा

840 करोड़ रुपए की तुलना में 1,218 करोड़ रुपए के निवल लाभ के साथ शानदार प्रदर्शन किया

Photo: mahabank FB page

मुंबई/दक्षिण भारत। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने निवल ब्याज आय और गैर-ब्याज आय में वृद्धि और अपेक्षाकृत लोअर टैक्स प्रावधान के चलते 840 करोड़ रुपए की तुलना में 1,218 करोड़ रुपए के निवल लाभ के साथ वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में वर्ष दर-वर्ष आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

बैंक ने बताया कि उसने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए 10 रुपए अंकित मूल्य के प्रति इक्विटी शेयर पर 1.40 रुपए के लाभांश की भी घोषणा की और वित्तीय वर्ष 2025 में इक्विटी जारी करने के साथ ही 7,500 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने को मंजूरी दी।

प्रबंध निदेशक एवं सीईओ निधु सक्सेना ने कहा कि बैंक पिछली लगभग 15 तिमाहियों में प्राप्त किए गए लाभप्रदता और दक्षता मापदंडों को बनाए रखेगा। हालांकि बैंक का सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच अगले एक वर्ष में अपनी रैंकिंग (व्यवसाय के आकार के अनुसार) में एक पायदान की वृद्धि और दो-तीन वर्षों में दो पायदान की वृद्धि करने के साथ उल्लेखनीय और महत्त्वपूर्ण बैंक बनने का लक्ष्य है।

बैंक ने बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में निवल ब्याज आय (अर्जित ब्याज और ब्याज व्यय के बीच का अंतर) वर्ष-दर-वर्ष 18 प्रतिशत बढ़कर 2,584 करोड़ रुपए (एक वर्ष पहले की अवधि में 2,187 करोड़ रुपए) रही।

बैंक ने बताया कि शुल्क-आधारित आय, खजाना आय और बट्टे खाते डाले गए खातों में वसूली सहित अन्य आय, वर्ष-दर-वर्ष 24 प्रतिशत बढ़कर 1,022 करोड़ रुपए हो गई।

बैंक ने बताया कि अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के लिए प्रावधान वर्ष-दर-वर्ष 16 प्रतिशत घटकर 457 करोड़ रुपए हो गया। मानक/ पुनर्संरचित आस्तियों के लिए प्रावधान वर्ष-दर-वर्ष 75 प्रतिशत बढ़कर 491 करोड़ रुपए हो गया। आयकर प्रावधान घटकर 50 करोड़ रुपए रहे।

बैंक ने बताया कि निवल ब्याज मार्जिन (वार्षिक) एक वर्ष पूर्व की अवधि के 3.56 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 3.92 प्रतिशत हो गया।

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