कांग्रेस ने घोषणापत्र में शामिल किए ये वादे

घोषणापत्र पांच 'न्याय स्तंभों' और उनके तहत 25 गारंटियों पर केंद्रित है

Photo: IndianNationalCongress FB page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रशिक्षुता का अधिकार, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन पारित करना कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी अपने घोषणापत्र में किए गए वादों में शामिल हैं। 

घोषणापत्र पांच 'न्याय स्तंभों' और उनके तहत 25 गारंटियों पर केंद्रित है। इसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उपस्थिति में एआईसीसी मुख्यालय में जारी किया गया।

न्याय पत्र शीर्षक वाले इस दस्तावेज़ में, विपक्षी पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है तो बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों, समुदायों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत कोटा लागू करेगी।

इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणापत्र के बिंदुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा न्याय के तहत पहली नौकरी पक्की- हर शिक्षित युवा को 1 लाख रुपए की अप्रेंटिसशिप का अधिकार,  ⁠भर्ती भरोसा - 30 लाख सरकारी नौकरियां, ⁠⁠पेपर लीक से मुक्ति - पेपर-लीक रोकने के लिए नए कानून और नीतियां, ⁠⁠गिग-वर्कर सुरक्षा- गिग वर्कर के लिए बेहतर कामकाजी नियम और संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा, ⁠⁠युवा रोशनी - युवाओं के लिए 5,000 करोड़ रुपए का नया स्टार्टअप फंड होगा।

नारी न्याय के तहत ⁠महालक्ष्मी- गरीब परिवार की एक महिला को हर साल 1 लाख रुपए, ⁠आधी आबादी, पूरा हक- केंद्र सरकार की नई नौकरियों में 50% महिला आरक्षण दिया जाएगा।

किसान न्याय के तहत ⁠सही दाम - एमएसपी की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन फॉर्मूले के साथ, ⁠कर्ज़ मुक्ति - क़र्ज़ माफ़ी प्लान प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए परमानेंट आयोग, बीमा भुगतान का सीधा ट्रांसफर- फसल नुकसान पर 30 दिन के अंदर सीधे खाते में पैसा ट्रांसफर होगा।

राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने का चुनाव है। एक तरफ नरेंद्र मोदी और राजग लोकतंत्र और संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं। दूसरी तरफ इंडि गठबंधन लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर रहा है। यह चुनाव इन दो शक्तियों के बीच है।

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