मंत्रियों के बच्चों और रिश्तेदारों को टिकट देना वंशवाद की राजनीति नहीं: सिद्दरामैया

सिद्दरामैया ने कहा, 'यह वंशवादी राजनीति नहीं, बल्कि लोगों की राय को स्वीकार करना है' 

Photo: Siddaramaiah.Official FB page

मैसूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने रविवार को कहा कि मंत्रियों के बच्चों और रिश्तेदारों को टिकट देना वंशवाद की राजनीति नहीं है, बल्कि मतदाताओं की सिफारिश को स्वीकार करना है।

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची में, कांग्रेस ने 21 मार्च को कर्नाटक में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद और पांच मंत्रियों के बच्चों को मैदान में उतारने की घोषणा की थी।

सिद्दरामैया ने संवाददाताओं से कहा, 'हां, हमने दिए हैं। हमने उन लोगों को टिकट दिए, जिनकी सिफारिश क्षेत्र के लोगों ने की थी। यह वंशवादी राजनीति नहीं, बल्कि लोगों की राय को स्वीकार करना है।' 

वे कर्नाटक के मंत्रियों के परिवार के 10 सदस्यों और रिश्तेदारों को कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलने के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। खरगे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि गुलबर्ग (कलबुर्गी) लोकसभा क्षेत्र से मैदान में होंगे।

पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली चिक्कोडी से लड़ेंगी। परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी बेंगलूरु दक्षिण से भाजपा के मौजूदा सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी एक या दो दिन में कर्नाटक की शेष चार सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि कांग्रेस कर्नाटक से कम से कम 20 लोकसभा सीटें जीतेगी।

उन्होंने कहा कि वे भाजपा की तरह झूठ नहीं बोलेंगे, जो कहती है कि कर्नाटक में सभी 28 सीटें जीतेगी, जो उनके अनुसार संभव नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा और जद (एस) गठबंधन कांग्रेस के लिए समस्याएं पैदा करेगा, सिद्दरामैया ने कहा, 'वह (गठबंधन) हमारे पक्ष में होगा।'

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