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हार्टफुलनेस के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय करेगा सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम का आयोजन

शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ क्रमशः 15 और 16 मार्च को शिरकत करेंगे

हार्टफुलनेस के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय करेगा सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम का आयोजन
वैश्विक आध्यात्मिक महोत्सव मेंआध्यात्मिक गुरु विश्व शांति की दिशा में एक मंच पर आ रहे हैं

हैदराबाद/दक्षिण भारत। संस्कृति मंत्रालय (विशेष सेल) और हार्टफुलनेस 14 से 17 मार्च तक हार्टफुलनेस के मुख्यालय 'कान्हा शांति वनम्' में अनूठे आध्यात्मिक समागम का आयोजन करेंगे। इसे वैश्विक आध्यात्मिकता महोत्सव कहा गया है।

बताया गया कि यह सभी धर्मों और विश्वासों के आध्यात्मिक नेताओं को एक जगह लाएगा। इस संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री किशन रेड्डी, चिन्ना जीयर स्वामी, विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन एक्सीलेंस के निदेशक बोधमयानंद, रेव्ह दाजी ने वैश्विक आध्यात्मिकता महोत्सव और इसके महत्त्व की
घोषणा की।

शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ क्रमशः 15 और 16 मार्च को शिरकत करेंगे।

इस सम्मेलन का विषय 'आंतरिक शांति से विश्व शांति' है। इसका उद्देश्य अंतरधार्मिक संवाद और हर उम्र तथा जीवन के हर क्षेत्र के लोगों को दैनिक जीवन में आध्यात्मिकता से जुड़ने में मदद करना है।

मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, 'भारत संस्कृति, आध्यात्मिकता और जीवन शैली का प्रदर्शन करता है, जो दुनिया को प्रेरित कर रहा है। हम अपने आध्यात्मिक ज्ञान से दुनिया के सामने एक उदाहरण बनकर खड़े हैं और दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी बन गए हैं। हमारा देश कई धर्मों का जन्मस्थान है और हम जीवन में शांति और प्रकाश फैलाते हैं। हमारा दार्शनिक दृष्टिकोण बड़ा अनोखा है।'

वैश्विक आध्यात्मिक महोत्सव में, जो रेव्ह दाजी के मार्गदर्शन में दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्र में आयोजित किया जाएगा, आध्यात्मिक गुरु विश्व शांति की दिशा में एक मंच पर आ रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि भारत सरकार और मोदी ने इस सम्मेलन का समर्थन करने का निर्णय लिया है। हमें सभी धार्मिक प्रमुखों सहित दुनिया में सभी के बीच प्रेम, शांति और एकजुटता लाने की जरूरत है। जी20 शिखर सम्मेलन में वसुधैव कुटुम्बकम् का निर्णय लिया गया था। आगामी सम्मेलन भी उसी विषय की निरंतरता में है। इसमें 100,000 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है।

जो लोग कल्याण और चिकित्सीय सत्रों का लाभ उठाना चाहते हैं, उनके लिए पंचकर्म केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।

चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा, 'हमारे एमओसी और विशेष रूप से कृष्ण रेड्डी गारू, जिन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन की पहल की, सभी धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं और बड़े पैमाने पर कान्हा शांति वनम् की व्यवस्था करने के लिए एक महान पल है।'

स्वामी बोधमयानंद ने कहा, 'हमें सच्चाई के रास्ते पर मिलकर काम करना चाहिए और ग़लत-फहमियों को दूर करना चाहिए।'

रेव्ह दाजी ने कहा, 'पूरा विचार स्वामी विवेकानंद के साथ शुरू हुआ। सभी धर्म एक मूल की ओर ले जाते हैं। समय आ गया है, जब हमें एक साथ आने की जरूरत है। कब तक हम साधारण वैचारिक मतभेदों पर सपने देखते रहेंगे? हम समाज में व्यक्तिगत शांति और सद्भाव कैसे लाएंगे? आइए, हम व्यक्ति को, हृदय को बदलें और इस एकीकरण को संभावना बनाएं।'

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